सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई के दौरान कई बार रोचक वाकये हो जाते हैं। ऐसा ही एक वाकया 2 फरवरी को एक सुनवाई के दौरान हुआ। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ (Justice KM Joseph) की अदालत में एक मामले की सुनवाई चल रही थी। जस्टिस जोसेफ जब दस्तावेज देख रहे थे तो उनकी नजर दो नामों के शॉर्ट फॉर्म (संक्षिप्त प्रारूप) पर पड़ी)। जस्टिस केएम जोसेफ दस्तावेज पर लिखे इन दो नामों- HMJ और SKK पर उलझ गए।
उन्होंने संबंधित एडवोकेट से सवाल करते हुए जब इसका मतलब पूछा तो एडवोकेट ने बताया कि HMJ का मतलब है Honorable Mister Justice (ऑनरेबल मिस्टर जस्टिस) है और SKK का मतलब जस्टिस संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul) है। इस पर जस्टिस जोसेफ ने मुस्कुराते हुए कहा Oh…
कौन हैं जस्टिस केएम जोसेफ?
जस्टिस केएम जोसेफ का पूरा नाम कुटयिल मैथ्यू जोसेफ ( Kuttiyil Mathew Joseph ) है। केरल के कोची में 17 जून 1958 को जन्मे जस्टिस जोसेफ ने अपनी शुरुआती पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय, कोची और दिल्ली से की है। बाद में उन्होंने चेन्नई के लोयला कॉलेज में दाखिला ले लिया था। इसके अलावा एर्नाकुलम के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की है। scobserver के मुताबिक जस्टिस जोसेफ ने साल 1982 में दिल्ली हाईकोर्ट में बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस शुरू की थी।
साल भर बाद साल 1983 में केरल हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। सिविल और संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले जस्टिस जोसेफ को अक्टूबर 2004 में केरल हाईकोर्ट का परमानेंट जज नियुक्त किया गया था, जहां उन्होंने करीब 10 साल तक अपनी सेवा दी। इसके बाद जुलाई 2014 में उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। कॉलेजियम की सिफारिश के बाद 8 अगस्त 2018 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। आपको बता दें कि जस्टिस केएम जोसेफ के पिता जस्टिस केके मैथ्यू (KK Mathew) भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं और 10वें लॉ कमीशन के चेयरमैन भी थे।
CJI से भी हो गई थी चूक
2 दिन पहले भी सुप्रीम कोर्ट में ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया हुआ था। CJI डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अदालत में पूर्व अटॉर्नी जनरल (AG) केके वेणुगोपाल एक मामले में पेश हो रहे थे। सीजीआई को ध्यान ही नहीं रहा कि वेणुगोपाल रिटायर हो गए हैं। CJI चंद्रचूड़, केके वेणुगोपाल को मिस्टर अटार्नी जनरल कहकर बुलाने लगे। हालांकि चंद सेकेंड बाद ही सीजेआई को अपनी गलती का एहसास हुआ और सॉरी कहा।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने फौरन अपनी गलती सुधारते हुए कहा कि कुछ आदतें बहुत मुश्किल से जाती हैं। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि ‘हमारे लिए तो एक बार अटॉर्नी हैं, तो हमेशा अर्टानी रहेंगे। (Once an Attorney, always an Attorney)। सीजेआई की इस बात पर सभी मुस्कुरा पड़े थे।