रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) को एक साल होने को हैं। 24 फरवरी 2022 से अब तक युद्ध में कई पड़ाव आए हैं। इस युद्ध में किसी का पक्ष न लेते हुए भारत (India Stand On Russia Ukraine War) ने लगातार शांति और वार्ता की अपील की है। हालांकि पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर तमाम प्रतिबंध (Western Sanctions On Russia) लगाए जाने के बावजूद भारत-रूस के बीच व्यापार (India-Russia Trade) अपने रिकॉर्ड स्तर पर है।
इस बीच इंडियन एक्सप्रेस को यह पता चला है कि भारत रूस से खरीदे हथियारों का बकाया चुकाने के लिए पेमेंट के तीन विकल्प तलाश रहा है। भारत को 28,000 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान करना है।
पिछले साल फरवरी में यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगे हैं इस कारण भारत पेमेंट का प्रोसेस शुरू नहीं कर पाया है। भारत के अधिकांश सैन्य हार्डवेयर रूस के बने हुए हैं। भुगतान में और देरी होने की वजह से महत्वपूर्ण पुर्जों और उपकरणों की खरीदारी का काम पूरा नहीं हो पा रहा है।
भारत रूस से तेल और हथियार आयात करता है। शनिवार को रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दुबई स्थित व्यापारियों से खरीदे गए रूसी तेल के लिए भारतीय रिफाइनरों ने अमेरिकी डॉलर के बजाय संयुक्त अरब अमीरात के दिरहम में भुगतान करना शुरू कर दिया है।
क्या हैं विकल्प?
एक शीर्ष अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भारत रूस से खरीदे गए हथियारों का बकाया चुकाने के लिए तीन विकल्पों पर विचार कर रहा है। वह विकल्प हैं रूस की करेंसी रूबल, चीन की करेंसी युआन और यूएई की करेंसी दिरहम।
इस मामले पर पिछले साल रूस के साथ-साथ रक्षा और वित्त मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच आंतरिक रूप से चर्चा हुई थी और यह निर्णय लिया गया था कि पेमेंट के तौर-तरीकों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के साथ चर्चा की जाएगी। भारत को वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक रूस को 11,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। अब यह 28,000 करोड़ रुपये हो गया है।