सूरत जिला और सत्र न्यायालय में बतौर चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट तैनात जस्टिस हरीश हसमुख भाई वर्मा (Harish Hasmukhbhai Varma) अब जिला जज बनेंगे। उन्होंने प्रमोशन के लिए दी गई परीक्षा पास की है। इसकी घोषणा 10 मार्च, 2023 को की गई है। करीब ढाई महीने पहले, 29 दिसंबर, 2022 को जारी एक गैजेट नोटिफिकेशन के मुताबिक उन्हें एडिशनल सीनियर सिविल जज व एडिशनल चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट से चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट व एडिशनल सीनियर सिविल जज के तौर पर प्रमोट किया गया था। जस्टिस वर्मा हाल ही में मानहानि के मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दो साल की सजा सुनाने के चलते देश भर में चर्चा में हैं।
एक दशक से भी ज्यादा वक्त से न्यायिक सेवा में कार्यरत सूरत जिला और सत्र न्यायालय के चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा (Harish Hasmukhbhai Varma) ने 23 मार्च को आपराधिक मानहानि से जुड़े मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद कांग्रेस नेता की सांसदी चली गई थी।
गुजरात सरकार ने 29 दिसंबर 2022 को एक गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेशन में गुजरात हाईकोर्ट द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालयों में न्यायिक अफसरों के प्रमोशन का ब्योरा था, जिसमें हरीश हसमुख भाई वर्मा का भी नाम शामिल था। तब सूरत में ही चतुर्थ एडिशनल सीनियर सिविल जज व एडिशनल चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात वर्मा को चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट व एडिशनल सीनियर सिविल जज के तौर पर प्रमोट किया गया था।

ढाई महीने के अंदर हासिल किया दूसरा प्रमोशन
उधर, गुजरात हाईकोर्ट के 10 मार्च 2023 के नोटिफिकेशन के मुताबिक हरीश हसमुखभाई वर्मा ने 65% प्रमोशन कोटा के तहत आयोजित 200 अंकों की परीक्षा में 127 अंक हासिल किए और सीनियर सिविल जज से डिस्ट्रिक्ट जज कैडर में प्रमोशन के योग्य हैं। इस नोटिफिकेशन के मुताबिक वर्मा समेत कुल 68 सीनियर सिविल जजों ने यह परीक्षा पास की है।

हरीश हसमुखभाई वर्मा के पिता भी रहे हैं वकील
मूल रूप से गुजरात के वडोदरा में जन्में 43 वर्षीय हरीश हसमुखभाई वर्मा ने अपनी एलएलबी की पढ़ाई महाराजा सयाजीराव कॉलेज से की है। इसके बाद न्यायिक सेवा में आए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्मा के पिता भी वकील रह चुके हैं। सूरत के न्यायिक गलियारों में हरीश हसमुखभाई वर्मा की छवि एक सख्त और तेजतर्रार जज की है। उनके बारे में कहा जाता है कि वह समय के बहुत पाबंद हैं।
राहुल गांधी को किस मामले में मिली सजा?
राहुल गांधी को साल 2019 के उनकी टिप्पणी के मामले में सजा हुई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साल 2019 में एक चुनावी जनसभा में ‘मोदी’ सरनेम को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद गुजरात के बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। जज हरीश हसमुखभाई वर्मा ने 17 मार्च को इस मामले में सुनवाई पूरी की थी और फिर 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी करार दिया और 2 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि कोर्ट ने राहुल गांधी को ऊपरी अदालत जाने के लिए 30 दिन का वक्त देते हुए जमानत भी दे दी थी।
आपको बता दें कि इसी मामले में राहुल के खिलाफ दो और मुकदमें दर्ज हैं एडवोकेट प्रदीप मोदी ने भी मुकदमा दायर कर रखा है। यह मामला रांची में चल रहा है। इसके अलावा बीजेपी नेता सुशील मोदी ने भी इसी मामले में राहुल के खिलाफ केस कर रखा है।