सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) की कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने एक बार फिर सीनियर एडवोकेट आर जॉन सत्यन को मद्रास हाईकोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की है। उन्हें प्राथमिकता देने की मांग भी की है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (Chief Justice of India) डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) की अगुवाई वाली कॉलेजियम ने केंद्र सरकार के रिजेक्शन के आधार का विस्तार से जवाब भी दिया है, जिसमें आईबी (IB) की रिपोर्ट का भी ज़िक्र है।
कॉलेजियम ने क्या कहा है?
कॉलेजियम ने अपने बयान में कहा है कि 17 जनवरी को दोबारा हुई बैठक में यह तय किया गया है कि एडवोकेट आर जॉन सत्यन (advocate R. John Sathyan) को मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) में बतौर जज नियुक्ति करने की सिफारिश को दोहराया जाएगा। कॉलेजियम ने उन्हें बतौर जज नियुक्त के लिए सूटेबल पाया है।
‘लेख शेयर करने से कैरैक्टर पर सवाल नहीं’
CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस संजय किशन कौल की तरफ से जारी बयान में जवाब देते हुए लिखा गया है, “आइबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एडवोकेट आर जॉन सत्यन ने द क्विंट के एक लेख को शेयर किया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की आलोचना की गई थी। दूसरा लेख एक मेडिकल स्टूडेंट के सुसाइड से जुड़ा था, जिसमें उसकी मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया था। कॉलेजियम के सभी सदस्यों की एडवोकेट सत्यन के बारे में यही राय है कि वह सूटेबल हैं। आईबी ने अपनी रिपोर्ट में भी माना है कि उनकी व्यक्तिगत छवि या गरिमा के खिलाफ कुछ नकारात्मक नहीं मिला है। आईबी की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि उनका किसी खास राजनीतिक दल की तरफ कोई खास झुकाव नहीं है…”

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली कॉलेजियम ने आगे कहा है, “ऐसे में पीएम की आलोचना व मेडिकल स्टूडेंट के सुसाइड से जुड़ा लेख शेयर करने की वजह से एडवोकेट आर जॉन सत्यन की योग्यता, उनकी गरिमा व कैरेक्टर पर सवाल नहीं उठता है…नहीं टकराव होगा। इस को ध्यान में रखते हुए कॉलेजियम की राय है कि एडवोकेट आर जॉन सत्यन मद्रास हाईकोर्ट में जज के तौर पर नियुक्त होने के लिए पूरी तरह फिट और सूटेबल हैं।”