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हिंदी फिल्म का वह सितारा जिसने फिल्मों में काम करने के लिए छोड़ दी थी वकालत, 20 साल बाद मिला था पहली फिल्म का मेहनताना

राज्यसभा टीवी पर एक टॉक शो के दौरान फारूक शेख ने बताया था, “मैं मुंबई में कानून की पढ़ाई कर रहा था क्योंकि मेरे पिता वकील थे।”

farooq sheikh
दिल्ली में आयोजित 9वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में फारूक शेख (Express archive photo)

हिंदी फिल्म जगत में अपनी प्रासंगिक भूमिकाओं और मृदुभाषी व्यक्तित्व के लिए जाने जाने वाले अभिनेता फारूक शेख अगर जिंदा होते, इस वर्ष 75 साल के होते। फारूक शेख का जन्म 25 मार्च, 1948 को गुजरात के वडोदरा में हुआ था। 27 दिसंबर, 2013 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था।

वकालत की पढ़ाई से फिल्मी दुनिया तक

फारूक शेख को उनके अभिनय के लिए याद किया जाता है। हालांकि बहुत कम लोगों को पता होगा कि वह एक योग्य वकील भी थे। शेख ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत विभाजन की त्रासदी पर बनी फिल्म ‘गरम हवा’ से की थी। 1973 में आयी यह फिल्म काफी हिट हुई थी।

हालांकि जब फिल्म बन रही थी तब निर्देशक एमएस सथ्यू को ऐसे कलाकारों की जरूरत थी, जो बिना फीस लिए काम डेट दे दें। ऐसा हुआ भी। फारूक शेख को गरम हवा के लिए मात्र 750 रुपये देने का वादा किया गया था, जो उन्हें 20 वर्ष बाद मिला।

राज्यसभा टीवी पर एक टॉक शो के दौरान फारूक शेख ने बताया था, “मैं मुंबई में कानून की पढ़ाई कर रहा था क्योंकि मेरे पिता भी वकील थे। कॉलेज में मेरा आखिरी साल था। तब हमें मुख्य अभिनेता आदि के पीछे खड़े होने जैसी छोटी भूमिकाएं मिल जाया करती थीं। उन दिनों एमएस सथ्यू गरम हवा नामक एक फिल्म बनाने जा रहे थे। लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। उन्हें ऐसे लोग चाहिए थे जो काम कर सकें, पैसे न मांगें और अपनी सारी तारीखें भी दे दें। मैंने और मेरे दोस्तों ने तय किया कि हम फिल्म में कोई न कोई छोटा-मोटा रोल करेंगे।”

गरम हवा की कहानी को लिखा तो इस्मत चुगताई ने था, लेकिन उसे तराशा कैफी आजमी ने था। कैफी आजमी ने गरम हवा का स्क्रीनप्ले लिखा। इस फिल्म में कैफी आजमी की पत्नी शौकत आजमी ने अभिनय किया था। कैफी और शौकत की बेटी शबाना आजमी फारूक शेख की पत्नी रूपा जैन की कॉलेज फ्रेंड थीं। बता दें कि गरम हवा में उन मुसलमानों के संघर्ष की कहानी दिखाई गई है, जो बंटवारे के वक्त भारत छोड़कर पाकिस्तान नहीं गए।

फारूक शेख से ईर्ष्या करने लगे थे नसीरुद्दीन शाह

फारूक शेख और नसीरुद्दीन शाह ने एक साथ कथा, उमराव जान, बाज़ार और लोरी जैसी कई फिल्मों में काम किया। फारूक शेख की याद में प्रकाशित एक ब्लॉग में नसीरुद्दीन शाह फारूक शेख से अपनी पहली मुलाकात का किस्सा बताते हैं। वह कहते हैं, “मैं रत्ना (पत्नी पाठक शाह) के साथ अपना पहला नाटक करते समय उनसे मिला था। सत्यदेव दुबे हमारे नाटक को निर्देशित कर रहे थे। फारूक वहीं थे। मुझे याद है रत्ना ने उनसे मेरा परिचय कराया था। पहली नजर में मुझे फारूक शेख से ईर्ष्या हो रही थी, सोच रहा था कि यह अभिनेता कौन है जो इतना अच्छा दिख रहा है।”

बाद में दोनों परिचित हो गए जब उन्होंने ‘बाजार’ में एक साथ अभिनय किया। नसीरुद्दीन शाह कहते हैं, “जब हम हैदराबाद में फिल्मा रहे थे तब मुझे फ़ारूक़ के अच्छे भोजन के प्रति प्रेम, उनकी चंचलता, उनके व्यवस्थित स्वभाव और उनके शानदार सेंस ऑफ़ ह्यूमर के बारे में पता चला!”

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First published on: 25-03-2023 at 15:18 IST
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