पूर्व कांग्रेस नेत्री और कर्नाटक की पहली मुस्लिम महिला मंत्री (First Female Muslim Minister) नफीस फजल (Nafees Fazal) ने अपनी राजनीतिक यात्रा पर लेखिका संध्या में डोनका के साथ मिलकर एक किताब लिखी है। किताब का नाम है ब्रेकिंग बैरियर्स (Breaking Barriers)। किताब के कवर पर ही नफीस ने खुद को उदार मुस्लिम महिला बताया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) इंडियन एक्सप्रेस के लिए लिखे आर्टिकल में नफीस फजल को एक कलरफुल पॉलिटिशियन बताते हैं।
पिता ने किया प्रताड़ित
अय्यर लिखते हैं कि नफीस फजल का जन्म मद्रास के एक अमीर परिवार में हुआ। उनकी परवरिश एक विशेषाधिकार प्राप्त पर परिवेश में हुई। परिवार का हाई बिजनेस, पॉलिटिकल और सोशल कनेक्शन रहा। लेकिन पिता के अपमानजनक व्यवहार के कारण नफीस और उनके भाई-बहनों का बचपन अच्छा नहीं बीता। उन्हें अपनी मां को दी जाने वाली मानसिक और शारीरिक को देखने के लिए मजबूर किया जाता था।
अंकल ने गलत तरह से छुआ
नफीस फजल ने अपनी किताब में बताया है कि जब वह छोटी थीं, तब उनके चाचा ने उन्हें गलत तरह से छुआ था। मोलेस्ट किया था। वह लिखती हैं, “मुझे नहीं पता था कि उस स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए। मैंने वह बात किसी को नहीं बतायी। लेकिन इसने पुरुषों के प्रति मेरे अविश्वास को और बढ़ा दिया। मेरे भीतर अभी भी उनके खिलाफ गुस्सा बचा हुआ है।”
दुकानदार से हुआ प्यार
16 साल की उम्र में नफीस को बैंगलोर (अब बेंगलुरु) में एक प्रसिद्ध कपड़ा दुकानदार हसन फ़ज़ल से प्यार हो गया था। नफीस के अनुसार, हसन ने अपने लम्ब्रेटा स्कूटर से उनका पीछा करते हुए फ़िल्मी स्टाइल में लुभाने की कोशिश की थी। अंत में नफीस ने हसन के प्रपोजल को स्वीकार कर लिया, लेकिन तीन शर्तें रखीं। पहली शर्त कैथोलिक क्लब से नाचते हुए बाहर निकलने की थी। दूसरी शर्त चाइनीज फूड ट्राई करने को लेकर थी। और तीसरी शर्त नफीस के राजनीति में शामिल होने को लेकर थी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह भविष्य में राजनीति में करियर बनाना चाहती हैं। 17 साल की उम्र में नफीस ने हसन से शादी कर ली। हसन नफीस से पांच साल बड़े हैं।
नेहरू-इंदिरा को देखकर राजनीति में आयीं नफीस
नफीस फजल की राजनीति में आने की कहानी दिलचस्प है। वह बताती हैं कि राजनीति में आने की उनकी इच्छा 13 साल की उम्र में तब जगी थी, जब उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की एक साथ तस्वीर देखी थी। जब नफीस के परिवार वालों को पता चला कि वह राजनीति में जाना चाहती हैं, तो उनका खूब मजाक बनाया गया। लेकिन हसन उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे। नफीस बताती हैं कि मार्गरेट अल्वा ने उन्हें राजनीति में आने के लिए बहुत प्रोत्साहित किया था।