दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR Weather News) समेत पूरे उत्तर भारत (North India Weather) में 14 जनवरी से और कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान -4 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा। 16 से 18 जनवरी के बीच ठंड का पीक होगा। लाइव वेदर ऑफ इंडिया (Live Weather of India) के संस्थापक नवदीप दहिया (Navdeep Dahiya) ने उत्तर भारत के मौसम की जानकारी दी।
दहिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘समझ में नहीं आ रहा है कि इसे क्या कहा जाए। मैंने अपने करियर में ऐसा नहीं देखा कि उत्तर भारत में तापमान (Temperature) इतना नीचे चला जाए। यह चौंकाने वाला भी है। 14 से 18 जनवरी के बीच उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में माइनस 4 डिग्री से 2 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान रह सकता है’।
नवदीप दहिया ने बताया है कि 14 जनवरी से कोहरा भी पड़ेगा। इससे रात के तापमान में गिरावट आएगी। अगर कोहरा ज्यादा दिन रहा तो तापमान सिंगल डिजिट में पहुंच सकता है।
क्या 21वीं सदी का सबसे ठंडा महीना होगा जनवरी 2023?
नवदीप दहिया (Navdeep Dahiya) ने लिखा है कि जनवरी के शुरुआती 11 दिन जैसे रहे हैं और आने वाले दिन जैसे दिख रहे हैं, इसको देखते हुए लगता है कि जनवरी 2023, 21वीं सदी का सबसे ठंडा महीना हो सकता है।
IMD का क्या कहना है?
उधर, भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान यानी आईएमडी (IMD) ने भी शनिवार यानी 14 जनवरी से दिल्ली-एनसीआर और आसपास के राज्यों में शीतलहर की आशंका जताई है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तरी राजस्थान के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबादी भी हो सकती है। इससे तापमान और गिरने की आशंका है। IMD के मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बताया कि साल 2006 में भी दिल्ली में ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी। तब न्यूनतम तापमान गिरकर 1.9 जिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। 2013 में भी ऐसी ही ठंड और शीतलहर पड़ी थी।
शीतलहर क्या होती है? What is Cold Wave
शीतलहर (Cold Wave) तापमान के अनुसार निर्धारित किया जाता है। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम महापात्रा बताते हैं कि भारत ने जो क्राइटेरिया निर्धारित किया है, उसके मुताबिक तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो अथवा वास्तविक तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरा हो तो शीतलहर (Cold Wave) या कोल्ड वेव माना जाता है।
जनवरी में शीतलहर अपने पीक पर होती है। खासतर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, ओडिशा, बंगाल जैसे राज्यों में इसका असर सर्वाधिक दिखता है।

शीतलहर (Cold Wave) से इन 3 राज्यों में सबसे ज्यादा मौतें
डॉ. महापात्रा बताते हैं कि सालभर में 10-15 दिन शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलता है। शीतलहर (कोल्डवेव) की वजह से तीन राज्यों में सर्वाधिक मौतें देखने को मिली हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान शामिल हैं।