चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने दिल्ली के चर्चित सेंट स्टीफेंस कॉलेज (St. Stephen’s College) से इकोनॉमिक्स में बीए किया है। जस्टिस चंद्रचूड़ अपनी क्लास में तो अव्वल आए ही थे, यूनिवर्सिटी टॉपर भी रहे थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि डीवाई चंद्रचूड़ अर्थशास्त्र में ही अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन परिस्थिति ऐसी बनी कि लॉ में एडमिशन ले लिया।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कुछ वक्त पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के 100 साल पूरा होने के मौके पर ‘अ ट्रिस्ट विद इकोनॉमिक्स एंड लॉ’ (A Tryst with Economics And Law) नाम से एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों की तमाम यादें साझा की थीं।
इकोनॉमिक्स में करियर बनाना चाहते थे डीवाई चंद्रचूड़
CJI चंद्रचूड़ लिखते हैं कि सेंट स्टीफेंस में वह अपनी क्लास में पहले पायदान पर रहे थे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (Delhi School of Economics) से पोस्ट ग्रेजुएशन का निर्णय लिया। DSE में कक्षाएं कुछ हफ्ते बाद शुरू होनी थीं। उस वक्त मैं खाली था और डीयू के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) में लेक्चर अटेंड करना शुरू किया।
जस्टिस चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) लिखते हैं कि कुछ लेक्चर अटेंड करने के बाद कानून में मेरी दिलचस्पी बढ़ गई। जिस तरीके से वहां शिक्षक पढ़ाते थे, वह मुझे बहुत पसंद आया। खासकर कानून, नीति, संवैधानिक नैतिकता जैसे विषयों को समझाने का उनका तरीका मेरे दिल को छू गया। इस तरह सीएलसी में कुछ लेक्चर अटेंड करने के बाद मैंने एलएलबी करने का फैसला लिया।
हिंदी को चुना था वैकल्पिक विषय
सेंट स्टीफेंस कॉलेज (St. Stephen’s College) में पढ़ाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उन चुनिंदा छात्रों में थे, जिन्होंने हिंदी को एक वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना था। चंद्रचूड़ कहते हैं कि बाद में जब वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने तो सेंट स्टीफेंस में जो हिंदी पढ़ी थी, उससे बहुत मदद मिली।
LLB के बाद चले गए विदेश
जस्टिस चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) , डीयू से एलएलबी की पढ़ाई करने के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चल गए। यहां उन्होंने मास्टर डिग्री हासिल की। हार्वर्ड से ही ज्यूडिशियल साइंस में डॉक्टरेट की डिग्री भी ली है। डीवाई चंद्रचूड़ ने हार्वर्ड में भी अपनी मेधा का लोहा मनवा दिया था। यहां पढ़ाई के दौरान कॉन्फ्लिक्ट ऑफ लॉ विषय में सबसे अधिक नंबर लाने के लिए प्रतिष्ठित इनलक्स स्कॉलरशिप (Inlaks Scholarship) प्रदान किया गया था। जस्टिस चंद्रचूड़ को जोसेफ एच बील पुरस्कार (Joseph H Beale Prize) भी मिल चुका है।
39 साल की उम्र में बन गए थे सीनियर एडवोकेट
हार्वर्ड से पढ़ाई पूरी कर वापस लौटने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। साल 1998 में महज 39 साल की उम्र में उन्हें सीनियर एडवोकेट बना दिया गया था, जो अपने आप में अनूठा और एक रिकॉर्ड था। साल 1998 से 2000 तक भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (additional solicitor general) रहे। 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट में उनकी बतौर जज नियुक्ति हुई।
जस्टिस चंद्रचूड़ 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 13 मई 2016 तक यहां सेवा दी। बाद में उनका तबादला सुप्रीम कोर्ट हो गया। यहीं चीफ जस्टिस नियुक्त हुए।