धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (Justice Dhananjaya Yeshwant Chandrachud) भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश हैं। इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Y. V. Chandrachud) भारत के 16वें CJI थे। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज (St. Stephen’s College) और अमेरिका के हॉर्वर्ड लॉ स्कूल (Harvard Law School) जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई की है। हालांकि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ बताते हैं कि पहले उनके परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय हुआ करती थी।
परदादी ने गहने बेचकर पाले थे 9 बच्चे
दिसंबर 2022 में बॉम्बे हाईकोर्ट में आयोजित फेलिसिटेशन फंक्शन में डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि, “19वीं शताब्दी के अंतिम कुछ वर्षों की बात है। राजगुरुनगर के एक छोटे से गांव में मेरे परदादा-परदादी रहा करते थे। उसी दौरान मेरे परदादा ने दूसरी शादी करने का फैसला किया, जो उस समय राज्य में स्वीकार्य था।”
जस्टिस चंद्रचूड़ आगे कहते हैं कि, “तब परदादी के नौ बच्चे थे। वह अपने बच्चों को लेकर पुणे चली आईं। उन्होंने अपने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए अपने गहने गिरवी रख दिए। उस एक महिला के बल पर परिवार का एक व्यक्ति डॉक्टर बना। इसके बाद मेरे पिता के चाचा वकील बने और इस तरह मेरे परिवार में बौद्धिक परंपरा की शुरुआत हुई।”
चॉल में रहते थे माता-पिता
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ अपने माता-पिता के संघर्ष की कहानी बताते हुए कहते हैं, “मेरे अपने माता-पिता की बात करें तो वे एक छोटी सी चॉल में रहते थे। मेरी मां कपड़े धोने के लिए सबसे नज़दीकी पानी की टंकी के पास सिर पर कपड़े लाद कर ले जाती थी। पापा जब वकील बन गए, तो मुवक्किल सुबह 5 बजे आ जाते थे।”
बहुत सख्त थे चंद्रचूड़ के पिता
जस्टिस चंद्रचूड़ बताते हैं कि उनके पिता बहुत सख्त स्वभाव के व्यक्ति थें। उन्होंने डी. वाई. चंद्रचूड़ को लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी प्रैक्टिस करने से रोक दिया था। (पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
दोनों स्पेशल चाइल्ड के भी पिता हैं चंद्रचूड़
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास (Kalpana Das) ने दो स्पेशल चाइल्ड को गोद लिया है। दोनों लड़कियां एक का नाम माही और दूसरे का नाम प्रियंका है। कल्पना दास डी. वाई. चंद्रचूड़ की दूसरी पत्नी हैं। पहली पत्नी का साल 2007 में कैंसर से निधन हो गया था। पहली पत्नी से भी चंद्रचूड़ दो बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम अभिनव और छोटे का नाम चिंतन है। दोनों ही कानूनी पेशे हैं। (पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)