पूर्व अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया (AG) और सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल (Advocate KK Venugopal) 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में पेश हुए। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत में सुनवाई के दौरान सीजेआई उन्हें मिस्टर अटॉर्नी कहकर बुलाने लगे। हालांकि चंद सेकेंड बाद ही मुख्य न्यायाधीश को अपनी गलती का एहसास हुआ और गलती सुधार ली।
गलती का एहसास हुआ तो CJI फौरन बोले- Oh Sorry
सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा, ‘सॉरी मैं आपको अटार्नी कह रहा हूं… लोग कहते हैं कि पुरानी आदतें बहुत मुश्किल से बदलती हैं…। सीजेआई ने मुस्कुराते हुए कहा कि हमारे लिए तो आप एक बार अटॉर्नी रहे तो हमेशा के लिए अटॉर्नी हैं ( Once an Attorney, always an Attorney)…। मुख्य न्यायाधीश की इस बात पर सभी मुस्कुरा पड़े।
साल 2017 में AG बने थे केके वेणुगोपाल
आपको बता दें कि सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल (Former AG KK Venugopal) को साल 2017 में राष्ट्रपति ने 3 साल के लिए देश का अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया था। साल 2020 में जब उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था तब उन्होंने सरकार से अपनी उम्र को ध्यान में रखते हुए बस एक साल का और कार्यकाल मांगा था। 2022 में भी उन्हें फिर से एक साल के लिए अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था।
30 जून 2022 को कार्यकाल खत्म होने के बाद केके वेणुगोपाल को 3 महीने का विस्तार मिला था। हालांकि केके वेणुगोपाल व्यक्तिगत कारणों से एजी पद पर आगे काम करने के लिए तैयार नहीं थे।
पद्मभूषण और पद्मविभूषण से भी नवाजे गए हैं
आपको बता दें कि केके वेणुगोपाल की गिनती देश के दिग्गज एडवोकेट में होती है। केके वेणुगोपाल साल 1979 से 1980 तक देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रहे हैं। साल 2002 में सरकार ने उन्हें पद्मभूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।