Hindenburg Research Report on Adani Group: गौतम अदाणी के अदाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को आई। इस रिपोर्ट में अदाणी समूह पर गड़बड़ी के कई आरोप लगाए गए। इसके बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमत जबरदस्त रूप से नीचे गई। यह सब जानते ही हैं। एक बात जिसका ज्यादा जिक्र नहीं हुआ, वह यह कि इस रिपोर्ट में एक पत्रकार के नाम का भी जिक्र है। या कहें कि इकलौते पत्रकार का। उस पत्रकार का नाम है परंजॉय गुहा ठाकुरता।
गुहा 45 साल से पत्रकारिता में हैं। उन्होंने अदाणी समूह के खिलाफ कई रिपोर्ट लिखी हैं। इस वजह से उन पर कई केस भी चल रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में अहमदाबाद की एक अदालत ने पारंंजॉय गुहा ठाकुरता को ऐसा कुछ भी बोलने से मना किया है जिससे अदाणी समूह को नुकसान पहुंच सकता हो। 2020 में यह हुआ है। इसके बाद पहली बार गुहा ने इस मामले में मीडिया से बात की है। हालांकि हमने उनसे यह बातचीत अदालती आदेश के दायरे में रहते हुए ही की है। इसका वीडियो आप नीचे देखेंगे।
बातचीत का वीडियो देखने से पहले आप यह जान लें कि हिंंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में गुहा का नाम कुल चार बार आया है। एक जगह लिखा गया है- In interviews, Gautam Adani has said “I have a very open mind toward criticism.” Given this, why did Adani seek to have critical journalist Paranjoy Guha Thakutra jailed following his articles on allegations of Adani tax evasion?
देखें पूरी बातचीत का वीडियो
क्या जेल जा चुके हैं परंजॉय गुहा ठाकुरता?
जब हमने गुहा से पूछा कि क्या आप कभी जेल गए या आपको गिरफ्तार करने की कभी कोशिश हुई तो उन्होंने विस्तार से घटनाक्रम के बारे में बताया और कहा कि उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। वह अदालत में पेश हुए थे। इस बारे में अदाणी समूह की ओर से बताया गया था कि इसमें उनका कोई हाथ नहीं है, यह कोर्ट की कार्यवाही है। वैसे, वह कभी गिरफ्तार नहीं किए गए हैं।
बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट करीब 32000 शब्दों की है। इसका काफी हिस्सा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारियों से भरा है। गुहा के नाम का जिक्र भी इन्हीं रूपों में आया है। एक जगह एक संगठन का उनके पक्ष में जारी बयान को रिपोर्ट का हिस्सा बनाया गया है। वह इस तरह है- “Reporters Without Borders (RSF) calls for the withdrawal of all charges against Paranjoy Guha Thakurta, a journalist who could be arrested at any time under a warrant issued on 19 January by a court in the state of Gujarat, in western India, as a result of a libel action by the industrial giant Adani. The justice system is being manipulated” (पॉडकास्ट: यह इंटरव्यू सुनना है तो क्लिक करें)
हिंडनबर्ग रिसर्च के साख पर सवाल
हिंंडनबर्ग रिसर्च अमेरिकी फर्म है। वह शॉर्ट सेलिंंग (शेयर उधार लेकर सस्ते में बेच कर मुनाफा कमाने) का काम करती है। उसका कहना है कि उसने दो साल की मेहनत के बाद रिपोर्ट जारी की है। इसमें कुछ इनवेस्टिगशन भी दिखता है। आरटीआई के हवाले से भी कुछ जानकारी शामिल करने का दावा है।
कई विशेषज्ञ हिंडनबर्ग रिपोर्ट की साख पर सवाल उठा रहे हैं। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और आजकल कोलंबिया यूनिवर्सिटी (अमेरिका) में अर्थशास्त्र पढ़ा रहे अरविंद पनगड़िया ने भी जनसत्ता.कॉम से बातचीत में कहा था कि अमेरिका में शॉर्ट सेलर्स कंपनियां खुद जांच के घेरे में हैं। डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की बड़ी जांच चल रही है।