केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कुछ वक्त पहले एक मीटिंग का आयोजन किया था, जिसमें सभी राज्यों के खाद्य मंत्रियों को शामिल होना था। केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल (Food Minister Piyush Goyal) की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई राज्यों के मंत्री नहीं पहुंचे थे, जिसमें पश्चिम बंगाल के खाद्य मंत्री रथिन घोष (Rathin Ghosh) भी शामिल थे।
पीयूष गोयल ने (Piyush Goyal) ने रथिन घोष (Rathin Ghosh) की अनुपस्थिति पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और नाराजगी जाहिर की थी। अब बुधवार को ठीक यही स्थिति पीयूष गोयल के सामने बन गई। दरअसल, खाद्य मंत्रियों की एक कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन पीयूष गोयल को करना था और इसे संबोधित भी करना था। तमाम राज्यों के खाद्य मंत्री पीयूष गोयल का इंतजार करते रहे, जिसमें रथिन घोष और उत्तर प्रदेश के खाद्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। दोनों बुके लेकर गोयल के स्वागत के लिए खड़े थे।
हालांकि काफी इंतजार के बाद पीयूष गोयल नहीं पहुंचे। बाद में पता लगा कि दूसरी आधिकारिक व्यस्तता के चलते गोयल कार्यक्रम में नहीं आ पाए। बाद में उनकी अनुपस्थिति में अश्विनी चौबे ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
बंगाल सरकार और केंद्र के बीच तकरार नई नहीं
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार और केंद्र के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है। ममता बनर्जी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रही हैं। कुछ वक्त पहले ही उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल की योजनाओं के लिए पैसे नहीं दे रही है। उन्होंने कहा था कि मैं खुद जाकर प्रधानमंत्री से मिली। अब क्या उनके पैरों में गिर जाऊं?
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार, राज्यों का बकाया नहीं चुका रही है। मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए पैसा भी नहीं जारी कर रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी बन गई है कि क्या अब हमें केंद्र के सामने भीख मांगनी पड़ेगी?
ममता बनर्जी, सूबे के राज्यपाल पर भी निशाना साधती रही हैं। पूर्ववर्ती राज्यपाल और मौजूदा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से ममता बनर्जी की काफी तनातनी थी। कानून व्यवस्था समेत कई मसलों पर लंबा तकरार चला। जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने के बाद सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. सीवी आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।