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किस नेता की पहल पर साथ आए 14 विपक्षी दल? एक-एक को किया था फोन

14 विपक्षी दलों के साथ आने को भाजपा के खिलाफ बनने वाले संभावित संयुक्त मोर्चा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

raghav chadha
आम आदमी पार्टी की एक रैली (Facebook/aghavchadhaca)

पिछले दिनों खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गयी है। विपक्षी दलों की संयुक्त याचिका में केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों  (सीबीआई, ईडी, आदि) के “मनमाने इस्तेमाल” का आरोप लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर पांच अप्रैल को सुनवाई करेगी।

14 विपक्षी दलों के साथ आने को भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अलग-अलग तरह के दलों को साथ लाने का काम आम आदमी पार्टी के युवा चेहरे राघव चड्ढा ने किया है। 14 विपक्षी दलों को किसी एक मुद्दे पर साथ लाने का श्रेय आप नेता को ही दिया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि उन्होंने लगभग हर विपक्षी नेता को फोन किया और उन्हें याचिका की एक प्रति भी भेजी। अंत में, 14 पार्टियों ने याचिका पर हस्ताक्षर करने पर सहमति व्यक्त की।

क्यों सुप्रीम कोर्ट गए हैं विपक्षी दल?

विपक्षी दलों ने अपनी याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार कराया जा रहा है। लिहाजा जांच एजेंसियों और अदालतों के लिए गिरफ्तारी और रिमांड पर गाइडलाइन बनाई जाए।

याचिका पर देश की तमाम बड़ी विपक्षी पार्टियों ( कांग्रेस, डीएमके, आप, टीएमसी, बीआरएस आदि) का हस्ताक्षर है। पहले ही यह बात सार्वजनिक थी कि विपक्षी पार्टियां ‘आप’ की पहल पर एक साथ आयी हैं। अब यह भी स्पष्ट हो गया है कि इन सब के पीछे राघव चड्ढा थे।

95% मामलों में निशाने पर रहे विपक्षी नेता

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 के बाद से नेताओं के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल चार गुना बढ़ा है। मोदी सरकार में 121 प्रमुख राजनेता जांच के दायरे में आए हैं, जिनमें से 115 विपक्ष के हैं। इस तरह एनडीए राज में ईडी की 95 प्रतिशत कार्रवाई विपक्षी नेताओं पर हुई है। इस सरकार में जिन 147 प्रमुख राजनेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई हुई है, उनमें से 85 प्रतिशत विपक्षी दल के थे। यूपीए शासन (2004 से 2014) में ईडी ने केवल 26 नेताओं की जांच की, जिनमें से 14 (54 प्रतिशत) विपक्ष के थे। (विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें)

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First published on: 27-03-2023 at 10:18 IST