
गर्भवती महिलाओं को फाइजर वैक्सीन लेने से मनाही, कंपनी ने गाइडलाइन में कहीं ये बातें
उन महिलाओं को भी टीका लेने से रोका गया है, जो इसकी पहली डोज लेकर अगले तीन महीने में मां बनना चाहती हैं।

ब्रिटेन ने अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक के साझा प्रयासों से तैयार हुई कोरोनावायरस वैक्सीन को आपात मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही यह दुनिया में पहली वैक्सीन है, जिसे आम इस्तेमाल के लिए इजाजत दी गई है। बताया गया है कि ब्रिटेन में कोरोना का टीका अगले हफ्ते से मिलने लगेगा। हालांकि सरकार ने सरकार ने गर्भवती महिलाओं को यह वैक्सीन लेने से मना कर दिया है। उन महिलाओं को भी टीका लेने से रोका गया है, जो इसकी पहली डोज लेकर अगले तीन महीने में मां बनना चाहती हैं। कंपनी की गाइडलाइन ये बातें कही गई हैं।
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कोरोना वैक्सीन को लेकर इंटरपोल ग्लोबल पुलिस कोआर्डिनेशन एजेंसी ने चेतावनी जारी की है। इसके अनुसार संगठित आपराधिक नेटवर्क कोविड के टीके को निशाना बना सकते हैं और वो इनके नकली रूप बनाकर बेच सकते हैं।
इस वक्त अलग-अलग देशों में करीब दर्जनभर संभावित वैक्सीन तीसरी स्टेज में हैं। सबसे आगे अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना की ही वैक्सीन हैं। इसके अलावा भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन भी अप्रूवल की रेस में हैं। माना जा रहा है कि ब्रिटेन के बाद अन्य देशों में भी इन वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी। एक दिन पहले ही मॉडर्ना ने कहा था कि वह आपात मंजूरी के लिए यूरोप में आवेदन करेगी।
कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार सातवें दिन जारी है। इस बीच किसानों ने बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से इन बिलों को वापस लेने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और अगर मांगें नहीं मानी गईं तो पांच दिसंबर को केंद्र की मोदी सरकार और कॉरपोरेट घराने के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन किए जाएंगे। क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
टीका को शून्य से 70 डिग्री नीचे के तापमान पर रखना होगा और इसे विशेष बक्से में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाएगा। एक बार आपूर्ति हो जाने पर इसे पांच दिनों तक फ्रिज में रखा जा सकता है ।
ब्रिटेन को 2021 के अंत तक दवा की चार करोड़ खुराक मिलने की संभावना है। इतनी खुराक से देश की एक तिहाई आबादी का टीकाकरण हो सकता है। खुराक का अधिकतर हिस्सा अगले साल की पहली छमाही में मिलने की संभावना है।
ब्रिटेन, दवा कंपनी फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 टीके को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है। इससे घातक कोरोना वायरस को काबू करने के लिए व्यापक पैमाने पर टीकाकरण की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ब्रिटेन की दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने बताया कि यह टीका उपयोग में लाने के लिए सुरक्षित है। दावा किया गया था कि यह टीका कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 95 प्रतिशत तक असरदार रहा है।
ब्रिटेन कोविड-19 वैक्सीन के टीके को मंजूरी देने वाला पहला पश्चिमी देश बन गया है। यह वैक्सीन संक्रमण को रोकने में 95% से अधिक प्रभावी पाई गई है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने एक इंटरव्यू में इसके संकेत दिए थे। ब्रिटेन ने 20 नवंबर को अपने चिकित्सा नियामक, मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन का आकलन करने को कहा था।
बांग्लादेश सरकार ने घोषणा की है कि वो अपने लोगों को ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की 3 करोड़ डोज मुफ्त में उपलब्ध कराएगा। उम्मीद की जा रही है कि ये वैक्सीन जनवरी तक मरीजों को मिलने लगेगी।
विशेषज्ञों ने एक प्रोविजनल प्राथमिकता सूची तैयार की है, जो उच्चतम जोखिम वाले लोगों को लक्षित करती है। इनमें स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल करने वाले लोग शामिल है। वहीं वैक्सीन का पहला स्टॉक क्रिसमस से पहले मुहैया हो जाएगा। आम लोगों को वैक्सीन के दो इंजेक्शन दिए जाएंगे, जिनमें 21 दिनों का अंतराल होगा।
यह वैक्सीन का एक नया प्रकार है जिसे एमआरएनए वैक्सीन कहा जाता है, जो शरीर को कोविड-19 से लड़ने और प्रतिरक्षा का निर्माण करने के लिए कोविड-19 के वायरस से आनुवंशिक कोड के एक छोटे टुकड़े का उपयोग करता है। एक एमआरएनए वैक्सीन को पहले कभी भी मनुष्यों में उपयोग के लिए अनुमोदित नहीं किया गया था, हालांकि लोगों को क्लिनिकल ट्रायल के रूप में जरूर ये वैक्सीन दी जा चुकी है.