US-Iran Tensions: ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने कहा- प्लेन क्रैश से जुड़ी ‘संभावित कमियों’ की जांच करे सेना
US-Iran tensions: डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि वह अमेरिका के दुश्मनों को माफ नहीं करेंगे। और, उनका मकसद कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद को साफ करना है, जिसके लिए वह काम करते रहेंगे।

US-Iran Tensions: ईरान की सेना ने अपने एक बयान में कबूल किया है कि यूक्रेन को विमान को उन्होंने ही मार गिराया था। ईरान की सेना ने बताया कि मानवीय चूक के चलते गलती से उन्होंने विमान को निशाना बना लिया। ईरान सरकार ने इस हादसे का आरोप अमेरिका पर लगाया है कि और कहा है कि अमेरिका की उग्र कार्रवाई के चलते यह गलती अनजाने में हो गई। वहीं अमेरिका और ईरान में जारी तनातनी के बीच ट्रंप सरकार ने ईरान पर नई पाबंदिया लगा दी हैं। अमेरिका ने ईरान के कपड़ा, निर्माण, विनिर्माण और खनन आदि व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने ईरान सेना से कहा है कि वह प्लेन क्रैश से जुड़ी ‘संभावित कमियों’ की जांच करें ताकि भविष्य में फिर ऐसी घटना न हो। उन्होंने कहा मैंने जिम्मेदार अधिकारियों से भविष्य में इसी तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष कदम उठाने के लिए कहा है ताकि भविष्य में ऐसी गलती न दोहराई जाए।’
ईरान की सरकार ने विमान हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। इसके साथ ही ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि सरकार घटना की आंतरिक जांच कर रही है और दोषियों को दंडित किया जाएगा।
बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने अपने एक बयान में कहा था कि उनके पास खूफिया सूचनाएं हैं कि यूक्रेन के विमान पर मिसाइल हमला हुआ था। कनाडा के पीएम के बाद ब्रिटेन और अमेरिका सरकार ने भी ऐसे ही बयान दिए थे और मामले की जांच करने की बात कही थी। ऐसे में अब ईरान की सेना द्वारा ही अपनी गलती स्वीकार कर ली गई है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक पोम्पिओ ने शुक्रवार को कहा था कि अमेरिका का मानना है कि इसकी ‘‘आशंका’’ है कि तेहरान के पास दुर्घटनाग्रस्त होने वाले यूक्रेन के विमान को ईरानी मिसाइल लगी हो। बता दें कि यूक्रेन का विमान बुधवार को तेहरान से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद नीचे गिर गया था। इसमें विमान में सवार सभी 176 लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए व्यक्तियों में बड़ी संख्या में ईरानी और कनाडाई नागरिक शामिल थे।
Highlights
खाड़ी क्षेत्र के घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांघी ने चिंता प्रकट की है। उन्होंने दिल्ली में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में उम्मीद जताई कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी तथा भारत सरकार उस क्षेत्र में रहने वाले भारतीय लोगों के हितों का पूरा खयाल रखेगी।
यूक्रेन ने ईरान से मांग की कि वह यूक्रेन के विमान को मार गिराने के दोषियों को सजा दे और मृतकों के करीबियों को मुआवजा दे। सजा की मांग करते हुए यूक्रेन ने ‘‘निष्पक्ष’’ जांच में सहयोग करने के लिए ईरान की प्रशंसा भी की। यूक्रेनी राष्ट्रपति के प्रेस कार्यालय ने बताया कि राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की स्थानीय समयानुसार शाम पांच बजे ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से घटना पर चर्चा करने वाले हैं।
यूरोपीय संघ ने ईरान द्वारा यूक्रेनी इंटरनेशनल एयरलाइंस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने की सराहना की है। यूरोपीय संघ के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम इस त्रासदी पर खेद प्रकट करते हैं जिसमें विभिन्न देशों के लोगों की मौत हुई है और हम उनके परिवारों और प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। यूरोपीय संघ उम्मीद करता है कि ईरान प्लेन क्रैश में व्यापक और पारदर्शी जांच जारी के लिए पूरी तरह से सहयोग करेगा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मांग की है कि वह यूक्रेन के विमान को मार गिराने के पीछे दोषी लोगों को सजा दें। राष्ट्रपति ने मुआवजे की भी मांग की है। तेहरान ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने गलती से यूक्रेन के विमान को निशाना बनाया। इस घटना में विमान में सवार सभी 176 लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने फेसबुक पोस्ट में ‘मुआवजे की मांग’ के साथ ही कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि ईरान दोषियों को न्याय के दायरे में लाएगा।
यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइन की फ्लाइट 752 की पायलटों को क्रैश से पहले विमान को टर्न करने के निर्देश दिए थे। एयरलाइन अधिकारियों के मुताबिक तेहरान एयरपोर्ट की तरफ से पायलटों को निर्देश दिए गए थे कि वे प्लेन को रास्ता बदल लें। एयरलाइन के सीईओ येवगेनी डाइक्ने ने कहा कि हमें विमान और एयरपोर्ट के डेस्पैचर टॉवर के बीच तबाही के अंतिम क्षण तक बातचीत हुई थी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने कहा है कि विमान दुर्घटना की हो पारदर्शी जांच होनी चाहिए। जॉनसन ने कहा ‘‘हम कनाडा और हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अब यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइन का बोइंग 737एनजी की दुर्घटना को लेकर पूरी तरह से पारदर्शी जांच की जरूरत है। इस दुर्घटना में ब्रिटेन के चार नागरिकों की मौत हुई। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने मांग की है कि इसमें जान गंवाने वाले लोगों के शवों को तत्काल उनके घरों तक सम्मानपूर्ण तरीके से भेजा जाए ताकि परिवार वाले अंतिम विदाई दे सकें।
ईरान के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी के साथ-साथ एक और कमांडर अमेरिकी सेना के निशाने पर थे। ये कुद्स सेना के एक टॉप कमांडर हैं। अमेरिका ने इन्हें भी निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन सेना का निशाना चूक गया। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात कही गई है।
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने ईरान सेना से कहा है कि वह प्लेन क्रैश से जुड़ी 'संभावित कमियों' की जांच करें ताकि भविष्य में फिर ऐसी घटना न हो। उन्होंने कहा मैंने जिम्मेदार अधिकारियों से भविष्य में इसी तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष कदम उठाने के लिए कहा है ताकि भविष्य में ऐसी गलती न दोहराई जाए।'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें लगता है कि पिछले सप्ताह मारे गए ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी चार अमेरिकी दूतावासों पर हमला करने की योजना बना रहे थे। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज पर प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि चार दूतावास थे... शायद ऐसा (हमला) बगदाद के दूतावास में होने वाला था।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान से उन सवालों के जवाब मिले हैं, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने सुलेमानी की हत्या का भारी जोखिम क्यों उठाया। गौरतलब है कि ट्रंप इस समय महाभियोग का सामना कर रहे हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि वह प्लेन क्रैश की पूर्ण जांच की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने ईरान से इस अपराध के लिए मुआवजे की भी मांग की है।
अमेरिकी प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर सवाल खड़े किए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि ईरान के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी अमेरिका के चार दूतावासों पर हमले की योजना बना रहे थे। जयपाल ने कहा है कि ट्रंप ने दावा तो किया लेकिन उनके पास अपनी बात का कोई सबूत नहीं है।
अमेरिका और ईरान में जारी तनातनी के बीच ट्रंप सरकार ने ईरान पर नई पाबंदिया लगा दी हैं। अमेरिका ने ईरान के कपड़ा, निर्माण, विनिर्माण और खनन आदि व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
ईरान ने आज कबूल किया कि यूक्रेन के विमान को उसी ने अनजाने में निशाना बना लिया था। अब ईरान के कबूलनामे के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ईरान से मामले की पूरी जांच और मुआवजे की मांग की है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ईरान को दोषी माना है।
इससे पहले ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग से विमान हादसे की जांच में शामिल होने का आग्रह किया था। ईरान ने यह भी कहा था कि वह उन देशों के विशेषज्ञों को जांच में शामिल होने देने के लिए तैयार है जिनके नागरिक इस विमान हादसे में मारे गए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा उन्हें लगता है कि पिछले सप्ताह मारे गए ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी चार अमेरिकी दूतावासों पर हमला करने की योजना बना रहे थे। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज पर प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि चार दूतावास थे... शायद ऐसा (हमला) बगदाद के दूतावास में होने वाला था।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान से उन सवालों के जवाब मिले हैं, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने सुलेमानी की हत्या का भारी जोखिम क्यों उठाया। गौरतलब है कि ट्रंप इस समय महाभियोग का सामना कर रहे हैं।
अमेरिका ने ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर कासिम सुलेमानी को जिस दिन निशाना बनाया था, उसी दिन अमेरिका की एक अन्य टॉप ईरानी कमांडर को निशाना बनाने की भी योजना थी। अमेरिका के इस हमले में ईरान की कुद्स फोर्स का ही एक अन्य टॉप कमांडर अब्दुल रेजा शाहलई निशाने पर था, जो कि यमन में सक्रिय है। हालांकि किन्हीं कारणों से यमन में अब्दुल रेजा शाहलई पर होने वाला हमला टाल दिया गया था। वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के अनुसार, अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है।
पोम्पियो ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मानते हैं कि इसकी आशंका है कि उस विमान को एक ईरानी मिसाइल द्वारा मार गिराया गया है। हम इसकी जांच होने देंगे। यह जरूरी है कि हम इसकी तह तक जाएं।’’
ईरान ने यूक्रेन का विमान गिराने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है साथ ही उन देशों से अपनी खुफिया जानकारी साझा करने को कहा है जिसमें कहा जा रहा है कि यूक्रेन का विमान ईरान की मिसाइल से गिरा है। ईरान की सरकार ने एक बयान में कनाडा की सरकार से अपनी खुफिया सूचना साझा करने को कहा है। दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कहा है कि अनेक खुफिया जानकारी इस ओर इशारा कर रही हैं कि ईरान ने विमान को मार गिराया और बुधवार को हुए इस हादसे में 176 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में कनाडा के 63 नागरिक थे। अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने कहा है कि वह दुर्घटना की जांच में शामिल होगा। एजेंसी ने कहा,‘‘एनटीएसबी ने विमान हादसे की जांच के लिए एक मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि नामित किया है।’’
जॉनसन ने कहा, ‘‘ हम कनाडा और हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अब यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइन का बोइंग 737एनजी की दुर्घटना को लेकर पूरी तरह से पारदर्शी जांच की जरूरत है। इस दुर्घटना में ब्रिटेन के चार नागरिकों की मौत हुई। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने मांग की है कि इसमें जान गंवाने वाले लोगों के शवों को तत्काल उनके घरों तक सम्मानपूर्ण तरीके से भेजा जाए ताकि परिवार वाले अंतिम विदाई दे सकें।
ट्रंप ने आठ जनवरी को घोषणा की थी कि जब तक वह राष्ट्रपति हैं ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम देंखेंगे कि वे बातचीत करना चाहते हैं कि नहीं। हो सकता है कि वे चुनाव तक इंतजार करें और (जो) बिडेन अथवा पोचाहोंटास अथवा (पेटे) बुटीगिएग जैसे कमजोर डेमोक्रेट या इनमें से किसी एक के साथ बातचीत करें।’’ उन्होंने कहा कि प्रतिबंध से ईरान को बुरी तरह से नुकसान हो रहा है। यह सब बहुत जल्दी समाप्त हो सकता है, लेकिन वे ऐसा चाहते हैं कि नहीं यह उनके ऊपर है। मेरे ऊपर नहीं।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि ईरान अमेरिकी प्रतिबंधों से बुरी तरह से परेशान है और उसके पास परमाणु हथियार कभी नहीं होंगे। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवादाताओं से कहा, ‘‘ईरान वर्तमान में अराजक है। वे अपनी अर्थव्यवस्थ बहुत जल्द ठीक कर सकते हैं। देखते हैं कि वे बातचीत करेंगे अथवा नहीं।’’ इराक में अमेरिकी बलों पर ईरान के हमले के बाद उस पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। ट्रंप ने कहा, ‘‘ईरान के पास परमाणु हथियार कभी नहीं होंगे। उन्हें भी यह पता है। हमने उन्हें सख्ती से यह बता दिया है। ईरान अब उस तरह धनवान नहीं है जब पूर्व राष्ट्रपति (बराक) ओबामा ने उसे 150 अरब डॉलर दिए थे।’’ ट्रंप ने आठ जनवरी को घोषणा की थी कि जब तक वह राष्ट्रपति हैं ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होंगे।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अब ‘ऐसी जानकारी मिली है’ कि ईरान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ यूक्रेन का बोइंग 747 विमान ईरान की मिसाइल की चपेट में आया था। उनकी यह टिप्पणी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ऐसी ही टिप्पणी के बाद आई है। जॉनसन ने इस हादसे पर एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘‘ ऐसी जानकारी है कि सतह से हवा में मार करने वाली ईरान की मिसाइल ने यह विमान गिराया है। यह हो सकता है कि ऐसा जानबूझ कर नहीं किया गया हो।’’ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने ‘सभी पक्षों से तत्काल क्षेत्र में तनाव कम करने की अपील की है।’
ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी शुक्रवार सुबह (भारतीय समयानुसार) और बढ़ गई। US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि वह अमेरिका के दुश्मनों को माफ नहीं करेंगे। और, उनका मकसद कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद को साफ करना है, जिसके लिए वह काम करते रहेंगे। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, "मेरे शासन के अधीन हम अमेरिका के दुश्मनों को माफ नहीं करेंगे। न ही हम अमेरिकियों की जिंदगियां बचाने में झिझकेंगे। और, हम कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद को हराने के लिए काम करने में कभी नहीं रुकेंगे।
पोप फ्रांसिस ने गुरूवार को अमेरिका और ईरान से संयम बरतने का आग्रह करते हुए आगाह किया कि इससे पश्चिम एशिया में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। पोप ने वेटिकन राजनयिकों को अपने सालाना भाषण में कहा, ‘‘ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बाद पूरे क्षेत्र से मिल रहे संकेत खासतौर पर चिंता पैदा करने वाले हैं।’’ ईरान ने बुधवार को इराक में अमेरिका तथा अन्य दूसरे देशों के सैनिकों के दो ठिकानों पर 22 बैलिस्टिक मिसाइल दागी थीं। उसका यह हमला अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को मारे जाने के बदले में उठाया गया माना गया। पोप फ्रांसिस ने कहा कि हमले से इराक में पुर्निनर्माण की सतत प्रक्रिया को खतरा पैदा हो सकता है तथा ऐसे बड़े संकट की चिंगारी लग सकती है जिसे हम सभी टालना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसलिए अपनी अपील दोहराता हूं कि सभी इच्छुक पक्ष संघर्ष को बढ़ने से रोकें और अंतरराष्ट्रीय कानून का पूरी तरह सम्मान करते हुए संवाद तथा आत्मसंयम की लौ जलाये रखें।’’
पोप फ्रांसिस ने अमेरिका और ईरान से संयम बरतने का आग्रह करते हुए आगाह किया कि इससे पश्चिम एशिया में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। पोप ने वेटिकन राजनयिकों को अपने सालाना भाषण में कहा, ‘‘ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बाद पूरे क्षेत्र से मिल रहे संकेत खासतौर पर चिंता पैदा करने वाले हैं।’’ पोप फ्रांसिस ने कहा कि हमले से इराक में पुर्निनर्माण की सतत प्रक्रिया को खतरा पैदा हो सकता है और ऐसे बड़े संकट की चिंगारी लग सकती है जिसे हम सभी टालना चाहते हैं।
ईरान ने गुरुवार को कहा कि इराक स्थित सैन्य कैम्प में मिसाइलें दागने के बाद हम अमेरिका के खिलाफ किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार थे। ईरानी सेना के एयरोस्पेस कमांडर ब्रिगेडियर जनरल हाजीजादेह ने कहा 'हम परिस्थिति को देखते हुए 100 और इससे भी ज्यादा मिसाइलें दागने के लिए तैयार थे। हमने योजना बनाई थी कि मिसाइले दागने के बाद अमेरिका और हमारे बीच 6-7 दिन तक भिडंत हो सकती है।'
उन्होंने कहा 'मिसाइलें दागकर हमारा इरादा किसी भी अमेरिकी सैनिकों को मारने का नहीं था, लेकिन ऑपरेशन की योजना इस तरह से बनाई जा सकती थी कि पहले चरण में 500 से अधिक लोगों की मौत हो जाए। वहीं अगर अमेरिका पलटवार करता तो यह आंकड़ा और बढ़ सकता था।'
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। यूएन ने कहा है कि दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने कहा कि दोनों देश आक्रमकता से किनारा करें और शांति बहाल करें। दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं।'
खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए तनाव को कम करने के पाकिस्तानी प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को ईरान, सऊदी अरब और अमेरिका का दौरा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इमरान ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी कहा है कि वह शांति की पाकिस्तान की इच्छा व्यक्त करने के लिए संबंधित सैन्य अधिकारियों से संपर्क करें।इमरान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने विदेश मंत्री कुरैशी को ईरान, सऊदी अरब और अमेरिका के दौरे पर जाने को कहा है ताकि संबंधित विदेश मंत्रियों से मुलाकात की जा सके... और सीओएएस जनरल बाजवा को यह स्पष्ट संदेश देने के लिए संबंधित सैन्य अधिकारियों से संपर्क करने को कहा है कि पाकिस्तान शांति के लिए भूमिका निभाने को तैयार है लेकिन वह फिर से किसी युद्ध का हिस्सा नहीं हो सकता है।’’
ईरान ने अपने टॉप कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद बुधवार को इराक स्थिति अमेरिकी सैन्य कैंपों पर मिसाइलें दागीं। हालांकि इसमें कितना नुकसान हुआ इसपर अभी कुछ साफ नहीं हो सका है। दोनों देश अलग-अलग बातें कह रहे हैं। इस बीच ईरान ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई की तो इजरायल पर भी हमला करेंगे।
चीन ने ईरान के परमाणु समझौते से दूरी बनाने और नये समझौते के लिए काम करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आह्वान को खारिज करते हुए गुरूवार को कहा कि यह समझौता संयुक्त राष्ट्र द्वारा बड़े परिश्रम के बाद पारित हुआ और सभी पक्षों को इसका पालन करना चाहिए। ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन तथा जर्मनी और यूरोपीय संघ के बीच 2015 में ज्वाइंट कांप्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) हुआ था। राष्ट्रपति ट्रंप लगातार परमाणु करार की आलोचना करते रहे हैं। वह समझौते से पहले ही अलग हो चुके हैं और उनका कहना था कि यह अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने वाला नहीं है। ट्रंप ने बुधवार को कहा कि दूसरे देशों के लिए भी समय आ गया है कि ईरान के साथ हुए जेसीपीओए से अलग हो जाएं। हमें ईरान के साथ एक अन्य करार करने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए ताकि दुनिया और सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण हो।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया कि वह इराक में अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब सैन्य तरीके से नहीं देंगे, जिसके बाद दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुंचने से पहले अपने कदम थामते दिखे। ईरान के हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन क्षेत्र में अमेरिकी बल सतर्कता बरत रहे हैं। व्हाइट हाउस से अपने संदेश में ट्रंप संकट को कमतर करने के प्रयास करते नजर आए। ईरान ने भी रातोंरात जवाब देने का प्रयास किया जो 1979 के बाद अमेरिका पर पहला सीधा हमला था। ईरान ने इराक में दो ठिकानों पर एक दर्जन से अधिक मिसाइल दागे। पेंटागन ने बुधवार को कहा कि उसे लगता है कि ईरान ने लोगों को मारने के इरादे से मिसाइल दागे थे। उधर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खमनेई ने कहा कि रात में किया गया हमला पूरी तरह ईरान का जवाब नहीं कहा जा सकता।
ईरान ने बुधवार को इराक स्थिति अमेरिकी सेन्य कैंप पर मिसाइल दागीं। हालांकि इसमें कितना नुकसान हुआ इसपर अभी कुछ साफ नहीं हो सका है। दोनों देश अलग-अलग बातें कह रहे हैं। इस बीच ईरान ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई की तो इजरायल पर भी हमला करेंगे।
अमेरिकी ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली ने कहा कि उनका मानना है कि इराक में दो सैन्य अड्डों पर ईरान का मिसाइल हमला अमेरिकी नागरिकों की हत्या के इरादे से किया गया। मिली एवं अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने पत्रकारों से कहा कि पश्चिम इराक में अल-असद वायुसेना अड्डे पर 11 बैलिस्टिक मिसाइल दागे गए जिससे थोड़ी बहुत क्षति हुई। हमले से तंबू और एक हेलीकॉप्टर नष्ट हो गए लेकिन कोई अमेरिकी नागरिक हताहत नहीं हुआ।
ईरान की ओर से बृहस्पतिवार को जारी शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि तेहरान दुर्घटनाग्रस्त हुए यूक्रेनी विमान ने मदद के लिए कभी रेडियो संदेश नहीं भेजा और जब वह हवाईअड्डा की ओर लौटने की कोशिश कर रहा था तभी विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर नीचे गिर गया। विमान दुर्घटना में 176 लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन इंटरनेशन एयरलाइंस द्वारा संचालित बोइंग 737 अचानक अटक गया, जिसके कारण विमान तेहरान में इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद नीचे गिर गया। ईरान के नागर विमानन संगठन ने हालांकि इस दुर्घटना के बारे में तत्काल कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि की गई कि दोनों ‘‘ब्लैक बॉक्स’’ जिनमें विमान के आंकड़े और कॉकपिट की जानकारी होती है, बरामद कर लिए गए हैं। हालांकि वे क्षतिग्रस्त हैं और उनकी कुछ जानकारी नष्ट हो गई है। इसमें बताया गया है कि शुरूआती जांच के अनुसार दुर्घटना का कारण लेजर या इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रभाव नहीं है। कनाडा और अमेरिका दोनों ने विमान हादसे की पूर्ण जांच की मांग की है।
अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व और साहस एवं बेहतरीन पेशेवर व्यवहार, जिसका हमारी सेना ने पिछले कुछ सप्ताह में प्रदर्शन किया उसकी वजह से अमेरिकी लोग आज रात आराम से सो सकते हैं। कल हुए मिसाइल हमलों के बावजूद (हमारे सैन्य र्किमयों की पेशेवरता और उनकी तैयारियों के कारण) किसी अमेरिकी, किसी इराकी को नुकसान नहीं पहुंचा है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को कहा कि तीन जनवरी को ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की बगदाद में मौत के बाद अमेरिका ने ईरान के प्रति कुछ कुछ प्रतिरोधी क्षमता बहाल कर ली है। उन्होंने कताएब हिज्बुल्ला (केएच-ईरान सर्मिथत इराकी समूह) का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि इस बिंदू पर जब हमने दिसंबर के अंत में केएच और उसके बाद सुलेमानी के खिलाफ हमले किए इसके बाद मुझे लगता है कि हमने एक स्तर तक प्रतिरोधी क्षमता स्थापित की है।’’ एस्पर ने कहा, ‘‘ लेकिन हम देखेंगे, समय बताएगा।’’ एस्पर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बुधवार को ईरान ने इराक में दो अड्डे को निशाना बनाया गया, जहां अमेरिकी सैनिक रहते हैं। इस हमले में किसी अमेरिकी या इराकी मौत नहीं हुई है।
अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने दावा किया कि अमेरिका को कुछ सकारात्मक खुफिया जानकारी मिली है कि ईरान ने शीर्ष कमांडर की हत्या के बाद अपनी मिलिशिया से अमेरिकी अड्डों या नागरिकों को निशाना ना बनाने को कहा है। गौरतलब है कि ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हवाई हमले में मौत हो गई थी और उसके जवाब में ईरान ने इराक में कम से कम उन दो अड्डों पर एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं, जहां अमेरिका और गठबंधन बलों के सैनिक तैनात थे। इस हमले को ईरान ने ‘‘अमेरिका के चेहरे पर तमांचा’’ बताया है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को कहा कि तीन जनवरी को ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की बगदाद में मौत के बाद अमेरिका ने ईरान के प्रति कुछ कुछ प्रतिरोधी क्षमता बहाल कर ली है। उन्होंने कताएब हिज्बुल्ला (केएच-ईरान सर्मिथत इराकी समूह) का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि इस बिंदू पर जब हमने दिसंबर के अंत में केएच और उसके बाद सुलेमानी के खिलाफ हमले किए इसके बाद मुझे लगता है कि हमने एक स्तर तक प्रतिरोधी क्षमता स्थापित की है।’’ एस्पर ने कहा, ‘‘ लेकिन हम देखेंगे, समय बताएगा।’’ एस्पर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बुधवार को ईरान ने इराक में दो अड्डे को निशाना बनाया गया, जहां अमेरिकी सैनिक रहते हैं। इस हमले में किसी अमेरिकी या इराकी मौत नहीं हुई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के साथ युद्ध से रोकने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी नीत अमेरिका की प्रतिनिधिसभा में बृहस्पतिवार को मतदान होगा। अमेरिका की प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने यह जानकारी दी। राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया था। उसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।पेलोसी ने कहा कि डेमोक्रेट अब इस मामले में आगे बढ़ेंगे क्योंकि बुधवार को विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ हुई बातचीत में उनकी चिंताओं का समाधान नहीं निकाला गया।
ईरान और अमेरिका में तनाव के बीच शेयर मार्केट बढ़त के साथ खुला है। सेंसेक्स में 500 अंकों का उछाल और निफ्टी में 151 अंक की वृद्धि हुई। दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की संभावना है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में भी कमी आई है। डॉलर के मुकाबले रुपया भी मजबूत हुआ है।
इराक में अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर मिसाइलें दागने के बाद ईरान ने कहा कि वह इराक की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है। बुधवार तड़के हुए हमले को लेकर इराक ने कहा था कि वह ईरान के राजदूत को तलब करेंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस को लिखे गए पत्र में संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत माजिद तख्त रवांची ने कहा कि उनका देश ‘इराक की स्वतंत्रता, संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करता है।’’ इस हमले में इराक या अमेरिका की सेना से कोई हताहत नहीं हुआ।
ट्रंप ने कहा, ‘‘ हमें ईरान के साथ एक समझौता करने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए जो दुनिया को एक सुरक्षित तथा और शांतिपूर्ण स्थान बनाए।’’ ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है और उसे पश्चिम एशिया के तेल की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्रशासन ईरान पर तत्काल अतिरिक्त आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। ट्रंप ने कहा, ‘‘ये कड़े प्रतिबंध तब तक रहेंगे जबतक ईरान अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ बहुत लंबे वक्त से, सटीक रूप से बोलें तो 1979 से, पश्चिम एशिया और अन्य जगहों के देश ईरान के विशानकारी और अस्थिर करने वाले व्यवहार को सहन कर रहे हैं। वे दिन बीत चुके हैं।’’ ट्रंप ने कहा कि ईरान जब तक आतंकवाद को शह देना बंद नहीं करेगा तब तक पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता नहीं आ सकती। ट्रंप ने नाटो से पश्चिम एशिया की प्रक्रिया में और अधिक शामिल होने को कहा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकल्प जताया कि वह ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। ट्रंप ने कहा, ‘‘ जब तक मैं अमेरिका का राष्ट्रपति हूं, मैं ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दूंगा।’’ राष्ट्रपति ट्रंप ने बराक ओबामा के शासनकाल में ईरान परमाणु समझौते को ‘बहुत ही दोषपूर्ण और ‘मूर्खता’ वाला करार दिया। ट्रंप ने कहा, ‘‘ईरान को अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को छोड़ देना चाहिए और आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करना चाहिए।’’ ईरान ने बुधवार को ऐलान किया कि वह समझौते से आंशिक रूप से अलग हो रहा है। ट्रंप पहले ही अमेरिका को इस समझौते से अलग कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यह समझौता अपेक्षित लक्ष्य हासिल नहीं करता था। ट्रंप ने अन्य साझेदारों से भी इस समझौते से अलग होने की अपील की।
इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के कुछ घंटों बाद रूहानी ने टेलीविजन पर प्रसारित एक संबोधन में कहा, ‘‘यदि अमेरिका ने अपराध किया है...तो उसे पता होना चाहिए कि उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। वहीं, ईरान ने अपनी ओर से की गई हालिया कार्रवाई को अमेरिका के मुंह पर करारा तमाचा करार दिया। यह प्रतिक्रिया देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई की ओर से आई है। दरअसल, अमेरिका और ईरान के बीच पिछले कई महीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है, जो अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद और बढ़ गई है।
इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम 4.5 प्रतिशत चढ़ गये। ईरान ने यह हमला अमेरिका के हमले में उसके शीर्ष जनरल के मारे जाने का बदला लेने के लिये किया। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद ब्रेंट और न्यूयार्क बाजारों में कच्चे तेल के दाम पिछले कई माह के शीर्ष स्तर पर पहुंच गये।
कुवैत ने बुधवार को इन खबरों से इनकार किया कि अमेरिका ने इस खाड़ी देश से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है और कहा कि उसकी आधिकारिक समाचार एजेंसी के ट्विटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था। सरकारी कुवैत न्यूज एजेंसी ने ट्वीट किया कि कुवैती रक्षा मंत्री को अमेरिकी बलों के कमांडर ने तीन दिनों के अंदर अरीफजन सैन्य अड्डे से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के इरादे की सूचना दी है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि अमेरिका-ईरान तनाव के कारण कच्चा तेल की वैश्विक कीमतों में आ रही तेजी को देखते हुए भारत हर तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिये सभी स्तर पर तैयारियां कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लिये अभी संकट जैसी कोई स्थिति नहीं है
इराक के राष्ट्रपति ने ईरान की तरफ से अमेरिकी ठिकानों पर के मिसाइल हमलों की निन्दा की। राष्ट्रपति सालेह ने कहा कि हम इस हमले की निंदा करते हैं।
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका-ईरान के बीच तनाव के मद्देनजर ईरान को चेतावनी दी है। नेतन्याहू ने कहा कि यदि हम पर हमला हुआ तो हम बड़ा झटका देंगे। इससे पहले ईरान की ओर से इराक में अमेरिका के ठिकानों पर हमले के बाद इन दोनों मुल्कों के बीच तनातनी और बढ़ गई है।
ईरान ने सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए बुधवार को इराक स्थित अमेरिकी सैन्य बलों के ठिकानों पर हमले किए। ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने एक बयान में कहा कि ‘‘ऑपरेशन मार्टिर सुलेमानी’’ अमेरिकी हमलावरों के आपराधिक एवं आतंकी अभियान के जवाब और सुलेमानी की कायराना हत्या एवं दर्दनाक शहादत का बदला लेने के लिए था। इसमें कहा गया, ‘‘अमेरिकी आतंकी सेना के हमलावर हवाई प्रतिष्ठान पर जमीन से जमीन पर मार करने वाली दर्जनों मिसाइलें दागी गईं...एन अल असद, और यह ठिकाना नष्ट कर दिया गया।’’