लंदन यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज ने अपने कैंपस में बीफ खाने और इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि लंदन यूनिवर्सिटी के कॉलेज गोल्डस्मिथ्स द्वारा यह नियम बनाया गया है और अगले महीने से यह नियम कॉलेज कैंपस में लागू हो जाएगा।
इसके साथ ही कॉलेज प्रशासन पानी की प्लास्टिक बोतलों पर भी एक सलाह जारी करेगा, जिसमें प्लास्टिक की पानी की बोतलों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने की कोशिश की जाएगी। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और साल 2025 तक कार्बन मुक्त कॉलेज कैंपस बनने का लक्ष्य रखा है।
बता दें कि यूनाइटेड नेशन्स फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, पशुधन पालन ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का बड़ा कारण है, चूंकि ये दुनिया के साफ पीने योग्य पानी का दसवां हिस्सा इस्तेमाल कर लेते हैं और साथ ही बड़े स्तर पर जंगलों के सफाए का कारण बनते हैं।
वहीं यूएन के इंटरगवर्मेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज का कहना है कि जंगल गर्मी बढ़ाने वाली गैसों को पर्यावरण से सोख लेते हैं। ऐसे में जंगलों के सफाए से ग्लोबल वॉर्मिंग और मृदा क्षरण को बढ़ावा मिलता है।
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गोल्डस्मिथ्स कॉलेज के हेड फ्रांसिस कॉर्नर का कहना है कि बढ़ती ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते संस्थान ने जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया है, ताकि जलवायु परिवर्तन का मुकाबला किया जा सके, क्योंकि अब इसे इग्नोर करना असंभव है।
बता दें कि लंदन यूनिवर्सिटी के इस कॉलेज की तरह की कई अन्य संस्थान और बिजनेस संगठन भी बीफ बैन कर चुके हैं। इसी साल जुलाई में मशहूर कंपनी WeWork ने भी कंपनी में मांस के उपभोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।