प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के उन छह लोगों और संगठनों में जगह दी गई है जिन्हें संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सर्वोच्य सम्मान ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। बुधवार (26 सितंबर, 2018) को पीएम मोदी को दिया गया यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के नेतृत्व और 2022 तक भारत को एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक से मुक्त कराने के संकल्प को लेकर किया गया है। इसके लिए दुनिया के छह सबसे उत्कृष्ट पर्यावरण परिवर्तकों को संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड’’ से सम्मानित किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जगह दी गई है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के मुताबिक, ‘इस साल के पुरस्कार विजेताओं को आज के समय के कुछ बेहद अत्यावश्यक पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने के लिए साहसी, नवोन्मेष और अथक प्रयास करने के लिए सम्मानित किया जा रहा है। नीतिगत नेतृत्व की श्रेणी में फ्रेंच राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और मोदी को संयुक्त रूप से इस सम्मान के लिए चुना गया है।’ मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा कि यह हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन लोगों के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च मान्यता से सम्मानित किया गया है जिनके कार्यों से पर्यावरण पर एक परिवर्तनीय प्रभाव पड़ा है।
इसके अलावा चीन के झेजियांग के ग्रीन रूरल रिवाइवल प्रोग्राम को ‘चीन के झेजियांग प्रांत में नदियों और धाराओं के भारी प्रदूषित क्षेत्र के परिवर्तन के लिए प्रेरणा और कार्यवाही के लिए सम्मानित किया गया है। वहीं यूएनईपी ने अपने बयान में आगे कहा कि कोच्चि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने टिकाऊ ऊर्जा के उपयोग में अपने नेतृत्व के लिए ‘उद्यमी दृष्टि’ पुरस्कार जीता है।
बता दें कि अफरोज शाह, जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े बीच की सफाई का नेतृत्व किया, उन्हें संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान दिया गया था। ये पुरस्कार साल 2016 में दिया गया। रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगम ने भी इसी साल यह पुरस्कार जीता था। जबकि साल 2007 में यूएस के पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर ने यह पुरस्कार जीता था।

