Balochistan: Bangladesh 2.0: बलूचिस्तान (Balochistan) में स्थानीय लोगों पर सेना (Army) और आईएसआई (ISI) के कहर ढाने की जमीनी हकीकत (Ground Reality) के कवरेज से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया। इसको सीरिज के रूप में एक भारतीय मीडिया ने कवर किया है। पाकिस्तान (Pakistan) ने इसको रोकने के लिए सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्विटर (Twitter) से गुहार लगाई तो उसने पाकिस्तान के अनुरोध को ठुकरा दिया और इसके किसी भी तरह से गलत होने की बात को भी खारिज कर दिया। माइक्रोब्लॉगिंग साइट (Microblogging Site) ने पाकिस्तान टेलीकम्यूनिकेशन अथॉरिटी (PTA) के न्यूज9 प्लस (News9 Plus) की स्टोरी को बंद करने के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया। पीटीए ने दावा किया था कि इसका कंटेंट उनके कानून का उल्लंघन करता है।
ट्विटर ने भारतीय मीडिया को बताया, “पाक की मांग पर कार्रवाई नहीं”
भारत का पहला समाचार ओटीटी प्लेटफॉर्म न्यूज़9 प्लस (India’s First News OTT Platform) ने दो-भागों की सीरिज ‘बलूचिस्तान: बांग्लादेश 2.0 (‘Balochistan: Bangladesh 2.0′)’ जारी की, जो क्षेत्र में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन और साथ ही बलूचिस्तान में चीनी नागरिकों पर अचानक हमलों के संभावित कारणों की भी पड़ताल करती है। ट्विटर ने कहा कि उन्होंने इस समय पीटीए की आपत्ति पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
डाक्युमेंट्री सीरिज में State Sponsored Killings को दिखाया गया है
डाक्युमेंट्री सीरिज में बलूच लोगों की कथित राज्य प्रायोजित हत्याओं (State Sponsored Killings) में तेजी के बारे में बताया गया है। सामरिक विशेषज्ञों (Strategic Experts) और भू-राजनीतिक पर्यवेक्षकों (Geo-Political Observers) ने अशांत प्रांत को दूसरा बांग्लादेश (Bangladesh) करार दिया है, जिसे पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था और जो 1971 में अलग होकर एक स्वतंत्र देश बन गया था।
चीन के स्थानीय लोगों से किनारा करने पर बलूचिस्तान की नाराजगी बढ़ी
प्रांत में चीन की निवेश योजनाओं को लेकर बलूच विद्रोहियों के गुस्से की वजह से भी हिंसा में आई तेजी को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। बीजिंग अपने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में निवेश का विस्तार करना जारी रखा है, जो इस सूबे से होकर गुजरता है। चीन के स्थानीय लोगों से किनारा करने पर बलूचिस्तान की नाराजगी बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में चीनी नागरिकों के खिलाफ हिंसक हमलों में तेजी देखी गई है।
पाकिस्तान टेलीकम्यूनिकेशन अथॉरिटी (PTA) ने जताई थी आपत्ति
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक 25 दिसंबर की डॉक्यूमेंट्री सीरीज पर पाकिस्तान टेलीकम्यूनिकेशन अथॉरिटी (PTA) ने आपत्ति जताई। ट्विटर ने 5 फरवरी को मेल के जरिए न्यूज9 प्लस के एग्जीक्यूटिव एडिटर और डॉक्यू-सीरीज़ के निदेशक आदित्य राज कौल से संपर्क किया। भारतीय समाचार ओटीटी प्लेटफॉर्म न्यूज़9 प्लस की यूनिट ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान सेना और फ्रंटियर कोर की बाधाओं का सामना करते हुए इस सीरिज को तैयार करने के लिए वहां की यात्रा की थी।
कौल ने कहा, “हम पाकिस्तान सेना और आईएसआई द्वारा बलूच लोगों के मानवाधिकारों के दुरुपयोग और उत्पीड़न की जांच करते रहे हैं। कहानी की रिपोर्ट करते समय, हमने पूरे सूबे में कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और आम लोगों से भीषण यातना देने और इसके साफ तौर पर चीनी कालोनी में बदले जाने के प्राथमिक सबूतों को इकट्ठा करने के लिए बात की। हमारी बलूचिस्तान सीरिज पर पाकिस्तान की आपत्ति अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है और इससे वे सवालों सही साबित हो रहे हैं, जो हमने उठाए हैं।”
ट्विटर ने कहा, “पारदर्शिता के हित में, हम आपको यह सूचित कर रहे हैं कि पीटीए ने आपके एकाउंट के संबंध में ट्विटर को एक अनुरोध भेजा है। इसमें यह दावा किया गया है कि निम्नलिखित कंटेंट पाकिस्तान के कानून का उल्लंघन करती है। इस कंटेंट हटाने के अनुरोध पर हमने इस समय कोई कार्रवाई नहीं की है।”
ट्विटर ने यह भी कहा कि वे अपने यूजरों की आवाज़ का बचाव करने और उनका सम्मान करने में दृढ़ता से विश्वास करती हैं और यह उनकी नीति है कि वे अपने खातों से कंटेंट को हटाने के संबंध में प्राप्त अधिकृत इकाई से किसी भी कानूनी अनुरोध के बारे में यूजरों को सूचित करें।