Turkey Earthquake: तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में सोमवार और मंगलवार को आए भूकंप से तबाही जारी है। भूकंप से मरने वालों की संख्या आठ हजार के पार पहुंच गई है। अभी मरने वालों और भी बढ़ सकती है। आइए जानते हैं इन विनाशकारी भूकंपों के पीछे की साइंटिफिक वजह।
जिस क्षेत्र में भूकंप आया है, वह एनाटोलिया टेक्टोनिक ब्लॉक नामक एक प्रसिद्ध भूकंपीय दोष रेखा के साथ स्थित है, जो उत्तरी- मध्य और पूर्वी तुर्की से होकर गुजरती है। यह एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है। हालांकि हिमालय क्षेत्र जितना सक्रिय नहीं है, जो कि भूकंप के दृष्टिकोण से दुनिया के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से एक है।
‘1970 के बाद से 6 या उससे अधिक तीव्रता के केवल तीन भूकंप आए’
हाल के वर्षों में 5 या उससे अधिक तबाही वाले भूकंप बहुत बार-बार नहीं आए हैं। यूएसजीएस (USGS) के अनुसार, 1970 के बाद से इस क्षेत्र में 6 या उससे अधिक तीव्रता के केवल तीन भूकंप आए हैं। इस क्षेत्र में आखिरी बड़ा भूकंप जनवरी 2020 में आया था। इस क्षेत्र में भूकंपीयता अफ्रीकी, यूरेशियन और अरब प्लेटों के बीच परस्पर क्रियाओं का परिणाम है। जो अरब प्लेट को उत्तर की ओर धकेलने के लिए जाना जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अनातोलियन प्लेट के लिए पश्चिम की ओर मूवमेंट होता है, जहां तुर्की स्थित हैं। यूएसजीएस ने कहा कि सोमवार का भूकंप सीरियाई सीमा के करीब पूर्वी अनातोलियन ब्लॉक पर निकट-ऊर्ध्वाधर फॉल्ट लाइन के आसपास हुआ।
यूएसजीएस ने कहा कि भूकंप का तंत्र और स्थान पूर्वी अनातोलिया फॉल्ट ज़ोन या डेड सी ट्रांसफ़ॉर्म फ़ॉल्ट ज़ोन पर आए भूकंप के अनुरूप है।
बता दें, भूकंप सबसे आम प्राकृतिक खतरा बना हुआ है जिसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। जिसकी अभी तक कोई पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित नहीं की जा सकी है।
दो हफ्ते पहले नेपाल में आया भूकंप जिसके झटके उत्तरी भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए थे, उदाहरण के लिए पृथ्वी की सतह से लगभग 25 किमी नीचे पैदा हुए। इससे बड़े पैमाने पर नुकसान नहीं हुआ, हालांकि भूकंप के झटकों के कारण एक पहाड़ी से गिरे पत्थर से एक महिला के मारे जाने की सूचना मिली थी।