ग्लोबल वॉर्मिंग पर नियंत्रण के लिए एक समझौता करने की अपेक्षाओं वाले सम्मेलन से पांच सप्ताह पूर्व 60 से ज्यादा पर्यावरण व ऊर्जा मंत्री रविवार से पेरिस में एकत्र हो रहे हैं ताकि राजनीतिक मतभेदों को कम किया जा सके। रविवार से मंगलवार तक चलने वाली इस तीन दिवसीय बैठक का उद्देश्य उन क्षेत्रों का पता लगाना है, जिनमें साल के अंत में होने वाले सम्मेलन से पहले समझौते किए जा सकते हैं।
पेरिस में दिसंबर में होने वाले सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु को नुकसान पहुंचाने वाली ग्रीनहाउस गैसों पर लगाम लगाने के लिए पहले सार्वभौमिक समझौते पर दस्तखत करना है। मंत्रियों के लिए यह एक मौका है, जब वे इस समझौते के एक कच्चे मसविदे (रफ ड्राफ्ट) को देख सकते हैं। कई महीनों के मोल-तोल के बावजूद इसमें विरोधी विकल्पों की पूरी सूची शामिल है।
वाशिंगटन के वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट थिंकटैंक की विश्लेषक जेनिफर मोर्गन ने कहा, ‘यह मंत्रियों के बीच समझ और विश्वास विकसित करने में मददगार हो सकता है। पेरिस में होने वाले सम्मेलन के लिए यह जरूरी होगा।’
आगामी 30 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलने वाली ‘कांफ्रेंस आॅफ पार्टीज’ की शुरूआत विभिन्न देशों और सरकारों के 80 से ज्यादा प्रमुखों द्वारा की जाएगी। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।