गुपचुप रिहा कर दिए गए मलाला के हमलावर
पाकिस्तान की शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता और पिछले साल नोबेल पुरस्कार जीतने वाली बालिका मलाला युसूफजई पर जानलेवा हमला करने वाले दस आतंकियों में से आठ के बारे में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है...
पाकिस्तान की शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता और पिछले साल नोबेल पुरस्कार जीतने वाली बालिका मलाला युसूफजई पर जानलेवा हमला करने वाले दस आतंकियों में से आठ के बारे में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इन्हें न केवल रिहा कर दिया गया है बल्कि इन्हें कभी भी उम्रकैद की सजा सुनाई ही नहीं गई जैसा कि बताया गया था।
इस खुलासे से गोपनीय सुनवाई की वैधता पर सवाल खड़े हो गए हैं। अप्रैल में अधिकारियों ने कहा था कि आतंकवाद निरोधक अदालत ने दस पाकिस्तानी तालिबान उग्रवादियों को हमले के लिए दोषी ठहराते हुए 25 साल की सजा सुनाई है। लेकिन सूत्रों ने बीबीसी को इस बात की पुष्टि की कि केवल दो लोगों के मामले की सुनवाई हुई और वे उम्र कैद की सजा काट रहे हैं।
लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रवक्ता मुनीर अहमद ने बताया कि आठ लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। इस सप्ताह पहली बार देखे गए अदालत के फैसले में दावा किया गया है कि जिन दो लोगों को दोषी ठहराया गया उन्होंने वर्ष 2012 में मलाला पर हमला किया था। पाकिस्तान में एक उच्च सुरक्षा सूत्र ने ‘मिरर’ को बताया कि सुनवाई की कोई विश्वसनीयता नहीं है क्योंकि सरकारी वकील, जज, सेना और आरोपियों को छोड़कर उसका कोई गवाह नहीं है। उन्होंने कहा, ‘दस लोग सलाखों के पीछे नहीं हैं जैसा कि हमें बताया गया था। यह एक बड़ा झूठ है।’
उधर स्वात में जिला पुलिस प्रमुख सलीम मेरवात ने अलग से पुष्टि की कि केवल दो लोगों को दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने अपना फैसला किया और कोई गुप्त सौदा नहीं था।