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Pakistan : पेशावर में सिख दुकानदार की गोली मार कर हत्या, दो साल में ‘टार्गेट किलिंग’ का चौथा मामला

40 साल के दयाल सिंह पेशावर के डीर कॉलोनी बाजार में अपनी दुकान पर बैठे थे, तभी एक अज्ञात हमलावर बाइक पर आया, उनकी दुकान में घुस गया और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

Pakistan | Sikh Community |
दयाल सिंह

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत के पेशावर में शुक्रवार को सिख दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह बीते दो साल में ऐसी चौथी घटना है। 40 साल के दयाल सिंह पेशावर के डीर कॉलोनी बाजार में अपनी दुकान पर बैठे थे, तभी एक अज्ञात हमलावर बाइक पर आया, उनकी दुकान में घुस गया और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। द इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात करते हुए स्थानीय सिख समुदाय के सदस्य बलबीर सिंह ने कहा कि वहां मौजूद कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार, घटना दोपहर 3 बजे के आसपास हुई जब हमलावर सिंह की दुकान में घुस गया और कुछ सामान मांगा और उनकी हत्या कर दी।

स्थानीय लोगों ने क्या कहा?

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बलबीर सिंह ने आगे कहा कि हत्या करने वाले शख्स ने दयाल सिंह से कुछ सामान मांगा और जैसे ही वह उस सामान को लेने के लिए दूसरी तरफ मुड़े, उस आदमी ने अंधाधुंध गोलियां चला दीं। उसके सिर में दो गोली मारी गई जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद हमलावर भाग गया। दयाल सिंह के परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। पीटीआई के मुताबिक पुलिस ने घटनास्थल से 30 बोर के खोखे बरामद किए हैं। दुकान से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त कर ली गई है और पुलिस ने हमले की जांच शुरू कर दी है।

लगातार हो रहे हैं सिख समुदाय पर हमले

पेशावर में पिछले दो साल में सिख समुदाय को निशाना बनाकर की गई यह चौथी हत्या है। 30 सितंबर, 2021 को पेशावर के फ़रीकाबाद में एक हकी सतनाम सिंह की उसकी दुकान के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फिर 15 मई, 2022 को दो सिख पुरुषों रंजीत सिंह और कुलजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

सतनाम की हत्या का दावा इस्लामिक स्टेट के अफगानिस्तान सहयोगी, इस्लामिक स्टेट खुरासान या आईएसआईएस के द्वारा किया गया था। पेशावर में अधिकांश सिख आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से हैं और आजीविका कमाने के लिए किराने/मसाले/हकीमी (पारंपरिक दवाओं) की छोटी दुकानें चलाते हैं।

स्थानीय सिख समुदाय के सदस्यों ने कहा कि 2014 के बाद से केपीके में कम से कम बारह ऐसी घटनाएं हुई हैं जब अज्ञात हमलावर आए और सिखों को निशाना बनाया। एक स्थानीय सिख ने कहा, “2016 में डॉ. सोरन सिंह, 2018 में चरणजीत सिंह, 2020 में रविंदर सिंह, 2021 में सतनाम सिंह, 2022 में रंजीत सिंह और कुलजीत सिंह और अब दयाल सिंह… सूची अंतहीन है।”

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First published on: 01-04-2023 at 15:22 IST
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