कनाडा में एक जज ने उंगली दिखाने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताया है। उन्होंने कहा कि यह कोई अपराध नहीं है। यह भगवान का दिया अधिकार है। गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक जज ने फैसला सुनाया कि उंगली दिखाना कनाडा के संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पड़ोसी को परेशान करने के आरोपी के खिलाफ मामला खारिज कर दिया।
दरअसल, मामला दो पड़ोसियों के बीच हुए विवाद का है। एक शिक्षक को पुलिस ने अपने पड़ोसी को जान से मारने की धमकी देने और उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। शिकायत में कहा गया था कि शिक्षक ने उसे उंगली दिखाई। पुलिस ने मामला कोर्ट के सामने पेश किया।
जज ने शिकायतकर्ता को लगाई फटकार
अदालत ने कहा, “यह निंदनीय है कि शिकायतकर्ता ने एक निर्दोष व्यक्ति से बदला लेने के प्रयास में आपराधिक न्याय प्रणाली को हथियार बना लिया है।” उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता खुद इस तरह के अपमान का बदला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। पुलिस विभाग और 911 डिस्पैचिंग सर्विस के पास इन मामलों के अलावा और देखने के लिए और भी जरूरी मामले हैं।
उन्होंने कहा, “बीच की उंगली का इशारा सभ्य नहीं हो सकता है, यह विनम्र नहीं हो सकता है, यह सज्जनतापूर्ण नहीं हो सकता है … फिर भी, यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता।” कनाडा के हर उस शख्स को ये अधिकार है जिसका खून गर्म है। कोर्ट ने अपने 26 पेज के फैसले में कहा कि इस तरह की छोटी मोटी बातों को पुलिस और कोर्ट के सामने ले जाना बिलकुल गलत है।
कोर्ट का कहना था कि शिकायतकर्ता ने न्याय प्रणाली को हथियार बनाकर एक ऐसे शख्स से बदला लेने की कोशिश में था जिसने कोई ऐसा अपराध नहीं किया था जिसे अदालत और पुलिस के सामने ले जाया जाता। उनका कहना था कि इस तरह की बातें होती रहती हैं। आस पड़ोस में ऐसी बातें कोई बड़ा मुद्दा नहीं है जिसमें कोर्ट और पुलिस दखल दे। अगर दो पड़ोसियों के बीच के छोटे मोटे विवाद में पुलिस और अदालत अपना समय जाया करेगी तो फिर तो काम हो चुका। हमारे पास दूसरे भी जरूरी काम हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। ऐसे मामलों के लिए हमारे पास वक्त नहीं है।
कोर्ट ने यहां तक कहा कि केसेज को हम यूं ही बाहर नहीं फेंक सकते लेकिन इस तरह की शिकायत को तो अदालत से बाहर फेंक देना चाहिए। ये वक्त को बर्बाद करे वाले मामले हैं।