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महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के मामले में पूरी दुनिया में अव्‍वल है नई दिल्‍ली

सर्वे में 380 विशेषज्ञों से सेक्सुअल हिंसा, महिलाओं के शोषण, उनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक विकल्प के बारे में पूछा गया।

महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसात्मक घटनाओं के खिलाफ दिल्ली के हौज खास विलेज इलाके में एक पार्क के भीतर तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन जताती नागालैंड की युवती। (फाइल फोटोः ओइनम आनंद)
महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसात्मक घटनाओं के खिलाफ दिल्ली के हौज खास विलेज इलाके में एक पार्क के भीतर तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन जताती नागालैंड की युवती। (फाइल फोटोः ओइनम आनंद)

सेक्सुअल असॉल्ट के सबसे ज्यादा मामले देश की राजधानी दिल्ली और ब्राजील के शहर साओ पाउलो में देखने को मिलते हैं। वहीं, मिस्र की राजधानी कायरो महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक शहर है, तो जापान का टोक्यो उनके लिए सबसे सुरक्षित है। यह बात सोमवार को थॉम्सन रॉयर्टस फाउंडेशन द्वारा जारी किए गए एक पोल में सामने आई है। विशेषज्ञों ने इस पोल में महिलाओं और उनसे जुड़े हुए मसलों को लेकर 19 अलग-अलग महानगरों की स्थिति जानी-समझी। भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला की मुखिया रेबेका रीचमैन टैवर्स ने कहा कि वह नतीजों से आश्चर्यचकित नहीं हैं। भारत और ब्राजील ने बीते सालों में सेक्सुअल हिंसा के चलते मीडिया में खूब सुर्खियां बंटोरी हैं। दोनों ही महानगरों में सेक्सुअल हिंसा एक बड़े सच जैसा है।

सर्वे में 380 विशेषज्ञों से बात की गई। उनसे इनसे सेक्सुअल हिंसा, महिलाओं के शोषण, उनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक विकल्प के बारे में पूछा गया। इन्हीं सारी चीजों को आधार मान कर पोल में देशों की स्थिति तय की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिस्र की राजधानी कायरो को दुनिया में महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक शहर बताया गया और उसे इस पोल में तीसरे नंबर पर रखा गया। उससे पहले स्पेन के मेक्सिको और बांग्लादेश के ढाका का नंबर है। जबकि दिल्ली और साओ पाउलो में सेक्सुअल हिंसा के सबसे अधिक मामले पाए गए। जापान का टोक्यो शहर इस मामले में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित बताया गया।

पुलिस के आंकड़ों को देखें, तो दिल्ली में 2016 में 2155 रेप हुए, जिसमें 2012 के मुकाबले 67 फीसद बढ़ोतरी हुई थी। उधर, सरकारी आंकड़ों की मानें, तो साओ पाउलो में इस साल जुलाई में 2,287 रेप हुए, जिसकी संख्या पिछले साल 2,868 थी। लेकिन यहां के इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च का कहना है कि रेप से जुड़े हुए सिर्फ 10 फीसद मामले ही सामने आते हैं।

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First published on: 16-10-2017 at 14:32 IST
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