रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की सेना के ताबड़तोड़ हमलों के सामने यूक्रेन की हिम्मत पस्त होती दिख रही है। रूस का दावा है कि Azovstal में लड़ाई के दौरान 265 यूक्रेनी सैनिकों ने हथियार डाल दिए। ये लड़ाके यूक्रेन के आखिरी मजबूत किले यानि स्टील मिल को डिफेंड कर रहे थे। रूस का कहना है कि सोमवार को मरियापोल में उसका मिशन पूरा हो गया। इन लड़ाकों को मिल से बाहर निकालकर सारे इलाके को पुतिन की सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है।
रूस का कहना है कि जिन 265 सैनिकों ने सरेंडर किया उनमें से काफी सारे गंभीर रूप से जख्मी हैं। फिलहाल ये पता नहीं लग सका है कि जिन सैनिकों ने सरेंडर किया उन्हें युद्धबंदी की श्रेणी में रखा जाएगा या नहीं। उधर, रायटर्स की खबर के मुताबिक रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसकी मिसाइलों ने अमेरिका और यूरोप के उस जहाज को तबाह कर दिया है, जिसमें हथियार लदे थे। ये जखीरा यूक्रेन जा रहा था।
ध्यान रहे कि मरियापोल के स्टील प्लांट पर कब्जे के लिए रूसी सैनिक भारी हथियारों, मिसाइलों और मोर्टार से हमला कर रहे थे। यूक्रेनी सैनिकों ने इस स्टील प्लांट के नीचे सुरंगों का जाल बिछा रखा है। इसी से निकलकर वे रूसी सेना पर हमला कर रहे थे। मिल पर कब्जे के लिए रूस ने अपनी रणनीति बदल सुरंगों को नष्ट करने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया।
उधर, यूक्रेन ने दावा किया था कि रूसी सेना स्टील प्लांट पर प्रतिबंधित फास्फोसर बम से हमला कर रही है। यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री मायखाइलो फेडोरोव ने एक वीडियो जारी कर स्टील प्लांट पर फास्फोरस बमों के हमलों के दिखाया था। उनका कहना था कि रूसी सेना क्रूरतम कृत्य कर रही है। वो यूक्रेन पर कब्जे के लिए अमानवीय तरीके अपना रही है।
यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी हमलों के धीमा पड़ते ही कई देशों की ऐंबैसी फिर काम करना शुरू कर दिया है। कीव में आज से भारतीय ऐंबैसी भी करना शुरू कर देगी। इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास, जो अस्थायी रूप से पोलैंड से चल रहा था, 17 मई से कीव में अपना संचालन फिर से शुरू करेगा।
यूक्रेन से जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व रूसी प्रधानमंत्री ने कह दिया है कि रूस इस युद्ध को हार गया है। मिखाइल कास्यानोव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस बात का अहसास होना शुरू हो गया है कि वह इस युद्ध को हार रहे हैं। पुतिन के राष्ट्रपति बनने के बाद मिखाइल पहले प्रधानमंत्री थे।