डच के छोटे शहर में शरार्णाथियों के लिए एक नियोजित केंद्र खोलने के खिलाफ हुए हिसंक प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़क गए। डच मीडिया और अधिकारियों ने बताया कि शराणर्थियों की रिकॉर्ड संख्या को लेकर बढ़ते तनाव के बीच डच के कई शहरों और गांवो में हंगामे के दृश्य देखने में आए हैं। हालांकि पुलिस ने हस्तक्षेप कर करीब 1,000 लोगों को तितर-बितर कर दिया जो सोमवार को मध्य हीश में रैली निकाल रहे थे। पुलिस ने यह नहीं बताया है कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है और क्या कोई जख्मी हुआ है।
राजनीतिज्ञ गीर्ट वाइल्डर्स ने मुस्लिम पुरुषों को शराणर्थी केंद्रों में बंद रखने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि नए साल के मौके पर जर्मनी के कोलोन की घटना के बाद ऐसे कदम डच महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी हैं। उनके इस बयान के बाद दंगे भड़के।
‘प्रोटेस्ट ए.जेड.सी हीश’ नाम के एक फेसबुक पेज ने हीश के टाउन हॉल के बाहर समर्थकों से रैली में शामिल होने के लिए कहा था। ए.जेड.सी डच में शराणर्थी केंद्र का संक्षिप्त रूप है। नगर के अधिकारियों का मकसद एक जनसभा का आयोजन करना था ताकि अगले दस साल में शहर में करीब 500 शराणर्थियों को बसाने पर चर्चा की जा सके।
समाचार एजेंसी एएनपी ने कहा कि माहौल खराब हो गया और बैठक को रोक दिया गया क्योंकि दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने टॉउन हॉल में घुसने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों के समूह ने इमारत पर पटाखे और अंडे फेंके। इमारत को खाली करा लिया गया था। हालांकि पुलिस ने शाम को स्थिति पर काबू पा लिया और शांति स्थापित हो गई।