scorecardresearch

इजराइल में राजनीतिक संकट, न्यायिक प्रणाली में बदलाव के मुद्दे पर पीएम और राष्ट्रपति आमने-सामने,

नेतन्याहू की योजना पर अमल से संसद को उच्चतम न्यायालयों के फैसलों को पलटने और न्यायाधीशों की नियुक्ति करने का अधिकार मिल जाएगा। नेतन्याहू सरकार का तर्क है कि काफी समय से लंबित इस प्रावधान का मकसद न्यायाधीशों के व्यापक प्रभाव में कमी लाना है।

Israel
राष्ट्रपति आईजैक हरजोग और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक कदम से वहां राजनीतिक संकट गहरा गया है। उन्होंने देश की न्यायिक प्रणाली में बदलाव की उनकी योजनाओं को लेकर जारी गतिरोध को हल करने के मकसद से दिए गए एक समझौता प्रस्ताव को खारिज कर दिया। राष्ट्रपति आइजैक हरजोग ने टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में नेतन्याहू को समझौते की पेशकश की थी। उन्होंने न्यायिक प्रणाली में बदलाव के नेतन्याहू सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ देश में दो महीने से अधिक समय से जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच यह कदम उठाया था।

राष्ट्रपति आइजैक हरजोग ने कहा- आम सहमति बहुत जरूरी

हरजोग का कहना है कि उन्होंने समाज के विभिन्न तबकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया था, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि इजराइल के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए एक समझौते पर सहमति बनना जरूरी है। उन्होंने आगाह किया, जो कोई भी सोचता है कि मानव जीवन का एक वास्तविक गृहयुद्ध एक ऐसी रेखा है, जिस तक हम कभी नहीं पहुंचेंगे, तो उसे यह अंदाजा भी नहीं है कि हम उस भयानक स्थिति के बहुत करीब पहुंच गए हैं।

पीएम नेतन्याहू ने राष्ट्रपति के समझौता प्रस्ताव को ठुकराया

नेतन्याहू ने हरजोग की पेशकश ठुकराने में समय नहीं लगाया। उन्होंने जर्मनी की उड़ान भरने से पहले कहा, दुर्भाग्य से राष्ट्रपति ने समझौते में जो प्रावधान रखे, उन पर गठबंधन के सहयोगी सहमत नहीं हुए। और उनके प्रस्ताव के मूल तत्व केवल वर्तमान स्थिति को बनाए रखते हैं और शाखाओं के बीच आवश्यक संतुलन कायम नहीं करते हैं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण सच है। न्यायिक प्रणाली में बदलाव की नेतन्याहू की योजना पर अमल से इजराइली संसद को उच्चतम न्यायालयों के फैसलों को पलटने और न्यायाधीशों की नियुक्ति करने का अधिकार मिल जाएगा।

नेतन्याहू सरकार का तर्क है कि काफी समय से लंबित इस प्रावधान का मकसद न्यायाधीशों के व्यापक प्रभाव में कमी लाना है। हालांकि, नेतन्याहू के आलोचकों का कहना है कि यह प्रावधान सत्ता पर नेतन्याहू और उनकी सरकार का एकाधिकार कायम करने में मददगार साबित होगा। आलोचकों का यह भी आरोप है कि भ्रष्टाचार का सामना कर रहे नेतन्याहू ने कानून के शिकंजे से बचने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया है।

पढें अंतरराष्ट्रीय (International News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App.

First published on: 21-03-2023 at 06:02 IST
अपडेट