पाकिस्तान में आर्थिक उथल-पुथल के बीच प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) ने स्थिति पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एक परमाणु देश के लिए अपने नागरिकों की बुनियादी मांगों को पूरा करने के लिए दूसरे देशों के सामने भीख मांगना शर्मनाक है। शाहबाज शरीफ का यह बयान संयुक्त अरब अमीरात द्वारा इस्लामाबाद (Islamabad) को दो अरब डॉलर का कर्ज देने पर सहमत होने के करीब दो दिन बाद आया है।
सऊदी अरब कर रहा मदद
मध्य पूर्वी देश सऊदी अरब ने अतिरिक्त 1 बिलियन डॉलर पाकिस्तान को देने को कहा है। पाकिस्तान इस गर्मी में विनाशकारी बाढ़ और गंभीर आर्थिक संकट से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है।
LOAN समाधान नहीं: पीएम शाहबाज शरीफ
द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार पीएम शाहबाज शरीफ ने शनिवार को पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (PAS) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के पासिंग-आउट समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें और ऋण मांगने में वास्तव में शर्मिंदगी हुई, क्योंकि विदेशी ऋण मांगना सही समाधान नहीं था। उन्होंने कहा कि ऋण बिगड़ती स्थिति को और बढ़ाएंगे, क्योंकि इसे एक निश्चित समय अवधि में वापस करना होगा।”
गौरतलब है कि देश तीन महीने की बाढ़ के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश की लगभग सभी प्रमुख फसलें बर्बाद हो गई है। हालाँकि, देश में प्राकृतिक आपदा आने से पहले ही पाकिस्तान के लिए स्थिति ठीक नहीं थी। कई स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अगस्त के पहले सप्ताह में भी खाद्य तेल 600 रुपये प्रति लीटर और घी लगभग 700 रुपये प्रति किलो बिका। घातक बाढ़ के बाद स्थिति गंभीर हो गई, जिसमें 2,000 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लापता हो गए। (यह भी पढ़ें: अमेरिका (United States) ने एक बार फिर पाकिस्तान की सहायता की है।)
दिसंबर में स्थानीय मीडिया ने बताया कि अफगान सीमा क्षेत्रों के पास रसोई गैस की कीमत बढ़कर 1,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि आटे की कीमत 160-170 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। प्रकाशन के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार के पास कार्रवाई करने के लिए ज्यादा समय नहीं है क्योंकि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के पास विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। 6 जनवरी तक एसबीपी के पास मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार महज 4.3 अरब डॉलर था।