प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश पहुंचे, 1971 के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा की शुरूआत राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अद्भुत वीरता का प्रदर्शन करने और बलिदान देने वाले...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा की शुरूआत राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अद्भुत वीरता का प्रदर्शन करने और बलिदान देने वाले सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करके की। इस मुक्ति संग्राम में भारत ने भी मदद की थी। मोदी यहां बंगबंधु स्मारक संग्रहालय भी गए जो बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को समर्पित है।
बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचने के तत्काल बाद मोदी ‘‘ जातियो स्मृति शौधो’’ (राष्ट्रीय शहीद स्मारक) गए और पाकिस्तान से आजादी के लिए लड़ते हुए बलिदान देने वाले हजारों सेनानियों को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान सेना बिगुल बजाकर सेनानियों को नमन किया गया और मोदी ने स्मारक के समक्ष कुछ पल मौन खड़े होकर सम्मान प्रकट किया। सैन्य परंपरा के अनुरूप इस दौरान बांग्लादेश का ध्वज फहराया गया और उसे आधा झुका दिया गया। भारतीय प्रधानमंत्री ने पुष्पचक्र अर्पित किया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शहीद स्मारक ढाका से 35 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में सावर में स्थित है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक परिसर में एक पौधा लगाया और अतिथि पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किया। मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘‘अपनी यात्रा की शुरुआत 1971 के मुक्ति संग्राम के शहीदों को नमन करके कर रहा हूं।’’
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘जातियो स्मृति शौधो की आधारशिला स्वयं बंगबंधु ने रखी थी। इसका डिजाइन विभिन्न प्रविष्ठयों में से प्रतिस्पर्धा के आधार पर चुना गया था।’’
उन्होंने कहा कि इस स्मारक में सात विशिष्ठ त्रिकोण हैं जो बांग्लादेश के राष्ट्रीय आंदोलन के उन सात विभिन्न चरणों को रेखांकित करते हैं जिनसे स्वतंत्रता मिली।
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘स्मारक फर्श से अर्श तक पहुंचने की तासीर देता है। यह लोगों के साहस और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।’’
स्मारक में सात त्रिकोणीय समद्विबाहु पिरामिड आकृति के ढांचे हैं जिसमें मध्य वाला सबसे बड़ा है और इसकी ऊंचाई 150 फुट है। मुख्य स्मारक के सामने कृत्रिम झील और कई सामूहिक कब्रें हैं।
इससे पहले मोदी के ढाका पहुंचने पर उनका शानदार स्वागत किया गया। प्रोटोकॉल से अलग हटते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हवाई अड्डे पर उनकी आगवानी की।
मोदी जब स्मारक पहुंचे तब इस दौरान बांग्लादेश के कई वरिष्ठ मंत्री उनके साथ गए जिसमें वित्त मंत्री ए एम ए मूहिथ, वाणिज्य मंत्री तुफैल अहमद और कृषि मंत्री मोती चौधरी शामिल हैं।
इससे पहले मोदी ने बांग्लादेश पहुंचने पर ट्विट किया, ‘‘हेलो, बांग्लादेश। मैं अपने साथ भारत के लोगों के प्यार और सद्भावना को लाया हूं।’’
बंगबंधु संग्रहालय पहुंचने पर मोदी करीब 20 मिनट तक वहां रहे और शेख मुजीब के निजी उपयोग की वस्तुएं देखी। तीन मंजिला यह इमारत 1961 से 15 अगस्त 1975 के तड़के उनकी हत्या होने तक उनका आवास थी और बाद में इसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया। शेख मुजीब की बड़ी पुत्री हसीना अभी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विट किया, ‘‘शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद बंगबंधु स्मारक संग्रहालय में शेख मुजीबुर रहमान के प्रति सम्मान प्रकट कर रहे हैं।’’
मोदी ने स्मारक में अतिथि पुस्तिका में लिखा, ‘‘मैं अपनी मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’
संग्रहालय पर बंगबंधु के नाती शेख रदवान सिद्दीक और बंगबंधु स्मारक ट्रस्ट के नेताओं ने मोदी का स्वागत किया और भवन के विभिन्न हिस्सों में उन्हें ले गए।