पाकिस्‍तानी जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को लेकर पाकिस्‍तानी मीडिया प्रोपेगैंडा पर उतर आई है। उनकी मां और पत्‍नी से मुलाकात पर दुष्‍प्रचार शुरू कर दिया गया है। मीडिया में कुलभूषण जाधव द्वारा कथित तौर पर मां अवंति और पत्‍नी चेतना के समक्ष खुद को भारतीय जासूस और आतंकी गतिविधियों में लिप्‍त होने की बात मानने से जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित की जा रही है। मालूम हो कि पाकिस्‍तान ने कुलभूषण जाधव को मां और पत्‍नी से मिलने की स्‍वीकृति दी थी। कुलभूषण और उनके परिजनों के बीच शीशे की दीवार थी। भारत ने इस्‍लामाबाद के इस रवैये की कड़ी निंदा की है।

कुलभूषण जाधव के कथि‍त कबूलनामे को लेकर पाकिस्‍तानी अखबार ‘ट्रिब्‍यून’ ने रिपोर्ट दी है। इसमें कहा गया है कि जासूसी के मामले में दोषी करार कुलभूषण ने अपने परिवार के समक्ष आतंकी गतिविधियों में संलिप्‍त होने की बात स्‍वीकार की है। दुष्‍प्रचार की इंतहा तो तब हो गई जब पाकिस्‍तानी अखबार के ऑनलाइन संस्‍करण में भारतीय मीडिया का हवाला दिया गया। साथ ही कहा है कि कुलभूषण के परिजनों को ऐसी प्रतिक्रिया की बिल्‍कुल उम्‍मीद नहीं थीं। उन्‍हें 25 दिसंबर को मां और पत्‍नी से मिलने की इजाजत दी गई थी। पाकस्तिान की सैन्‍य अदालत ने कुलभूषण को जासूसी और आतंकवाद से जुड़े मामलों में दोषी ठहराते हुए फांसी सजा सुनाई है।

पाकिस्‍तान सुरक्षाबलों ने कुलभूषण जाधव को कथित तौर पर पिछले साल बलूचिस्‍तान से गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ सैन्‍य अदालत में आनन-फानन में सुनवाई की गई और फांसी की सजा भी सुना दी गई थी। इसके बाद भारत को अंतरराष्‍ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। आईसीजे ने कुलभूषण की सजा के अमल पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दिया था। उनकी माफी की अर्जी पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख के यहां लंबित है। भारत के काफी प्रयासों के बाद पाकिस्‍तान ने उनकी मां और पत्‍नी को मिलने की इजाजत दी थी। लेकिन, उसके तौर-तरीकों की कड़ी आलोचना की जा रही है।