पाकिस्तान में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाई गई है और इमरान खान सरकार ने शुक्रवार को इसे पेश किया है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान इस नीति को देश के लिए गेम चेंजर बता रहे हैं।
इस नीति में पहली बार ऐसा है जब पाकिस्तान की सरकार की महत्वपूर्ण नीति आर्थिक सुरक्षा पर आधारित है। इसमें सुरक्षा नीति पर उतना फोकस नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान की नीति सैन्य ताकत पर आधारित रही है। एनएसपी को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की मंजूरी मिलने के एक दिन बाद 28 दिसंबर को संघीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी।
इस नीति के तहत बनाए गए रास्ते पर पाकिस्तान आने वाले वर्षों में चलेगा। सरकार ने इसके लिए एक नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया है और आर्थिक सुरक्षा पर विशेष जोर दिया है। पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट डॉन के अनुसार इस सुरक्षा नीति को जारी करते हुए इमरान खान ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में नाकाम रही हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 पन्नों के मौलिक दस्तावेज में राष्ट्रीय सुरक्षा को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इस नीति को नागरिकों को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है और आर्थिक सुरक्षा को केंद्रबिंदु बनाया गया है। इसमें पाकिस्तान को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर जोर है।
आज इस्लामाबाद में अपने संबोधन में नीति के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए पाक पीएम ने कहा कि देश की स्थापना के बाद से सरकारों की मानसिकता सैन्य सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की थी और उन्होंने इससे आगे की योजना कभी नहीं बनाई। उन्होंने कहा कि देश को अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुशासित सुरक्षा बल मिले हैं जिन्हों सीमाओं की रक्षा की है। पीएम इमरान ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को समावेशी विकास की जरूरत है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जैसे संस्थानों से ऋण प्राप्त करने की मजबूरी ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को जोखिम में डाल दिया है।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि देश के पास खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने की कभी कोई योजना नहीं थी। उन्होंने कहा- “अब हम पाकिस्तान में जो अवधारणा लाए हैं, वह कमजोर वर्ग के उत्थान को सुनिश्चित करना है, अगर अमीर और अमीर होते रहे, तो गरीब वर्ग को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए, तो देश असुरक्षित रहेगा”।
इमरान खान की सरकार ने वर्ष 2022-2026 के लिए पंचवर्षीय नीति की भी घोषणा की है। राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का वास्तविक मसौदा गोपनीय श्रेणी में बना रहेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा का मुख्य थीम राष्ट्रीय सामंजस्य, आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करना, रक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता, आतंरिक सुरक्षा, बदलती दुनिया में विदेश नीति और मानव सुरक्षा के ईर्दगिर्द है।
इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने कहा था कि नई नीति के तहत पाकिस्तान एकीकृत राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे की ओर बढ़ेगा, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान के नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना है। यूसुफ के हवाले से कहा गया कि नीति में जम्मू-कश्मीर को द्विपक्षीय संबंध के केंद्र में रखा गया है। जब उनसे पूछा गया कि यह भारत को क्या संदेश देता है तो उन्होंने कहा- ‘‘यह भारत को कहता है कि सही कार्य करिए और हमारे लोगों की बेहतरी के लिए क्षेत्रीय संपर्क से जुड़िए।”
इससे पहले अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तान, भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों से नई नीति के तहत शांति चाहता है और कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना भी दिल्ली से कारोबार के रास्ते को खुला रखना चाहता है।