करीब तीन घंटे तक चले दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक मंच पर आए लेकिन उनके बीच दूरी बनी रही। दोनों के बीच दुआ-सलाम भी नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक-दूसरे से दो सीट दूर बैठे थे, एक-दूसरे की तरफ नहीं देखा और आठ सदस्यों वाली 18वीं बैठक में जब शरीफ के भाषण देने जाने और लौटने के समय उनके सामने से गुजरने पर भी एक दूसरे की तरफ नहीं देखा।
मोदी और शरीफ के बीच में मालदीव और नेपाल के नेता बैठे हुए थे। भले ही दोनों नेताओं के बीच कोई बैठक तय नहीं थी लेकिन मंगलवार के सम्मेलन और कल हुए रिट्रीट के दौरान दोनों के बीच दुआ-सलाम की उम्मीद की जा रही थी। शरीफ ने मंगलवार को वार्ता की पहल के लिए गेंद भारत के पाले में डालते हुए कहा था, ‘‘वार्ता को रद्द करना नयी दिल्ली का एकतरफा निर्णय था और दोनों देशों के बीच वार्ता के लिए गेंद अब भारत के पाले में है।’’
भारत ने कहा कि वह ‘‘सार्थक वार्ता’’ चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने शरीफ की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम हमेशा कहते रहे हैं कि हम सार्थक वार्ता के लिए तैयार हैं। सार्थक पर जोर दिया गया। कूटनीति में सार्थक वार्ता का अर्थ होता है। पाकिस्तान में वे जानते हैं कि हमारे सार्थक वार्ता का क्या मतलब है क्योंकि वे हमें जानते हैं और हमें समझते हैं। वे हर बात जानते हैं।’’