Zombie Virus Revived by Scientists in Russia: फ्रांस के वैज्ञानिकों ने रूस में जमी हुई झील के नीचे दबे 48,500 साल पुराने जॉम्बी वायरस (Zombie Virus) को जिंदा करने का दावा किया है। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने जॉम्बी वायरस को पुनर्जीवित करने के बाद एक और महामारी की आशंका जताई है।
न्यूयॉर्क पोस्ट ने एक वायरस के अध्ययन का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि इस प्राचीन अज्ञात वायरस के जीवित होने के कारण पौधे, पशु या मानव के मामले में स्थिति बहुत अधिक विनाशकारी होगी। फिलहाल इस अध्ययन की समीक्षा की जानी है।
बर्फ पिघलने से वायरस हो जाएंगे जीवित: प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) स्थायी रूप से जमी हुई जमीन को पिघला रही है, जो उत्तरी गोलार्ध के एक-चौथाई हिस्से को कवर करती है। जिसकी वजह से लाखों सालों तक जमे हुए कार्बनिक पदार्थ रिलीज होने लगे हैं, संभवतः इसके नीचे घातक रोगाणु शामिल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि बर्फ पिघलने से इस कार्बनिक पदार्थ के हिस्से में पुनर्जीवित सेलुलर रोगाणुओं के साथ-साथ वायरस भी शामिल हैं जो सालों से निष्क्रिय रहे हैं और दोबारा जीवित हो सकते हैं।
48,500 साल पुराना वायरस (Virus): यूरोपीय शोधकर्ताओं ने रूस के साइबेरिया क्षेत्र में पर्माफ्रॉस्ट के नीचे से एकत्रित प्राचीन नमूनों की जांच की है। उन्होंने 13 नए रोगाणुओं को ढूंढ निकाला है और उनके बारे में बताया है। वैज्ञानिकों ने इसे ‘जॉम्बी वायरस’ का नाम दिया है और पाया कि बर्फीली जमीन में कई हजार सालों तक रहने के बावजूद वे संक्रामक बने रहे। सबसे पुराना वायरस, पैंडोरावायरस येडोमा 48,500 साल पुराना था और यह फिर से जीवित हो सकता है और महामारी फैला सकता है। इससे पहले खोजा गया सबसे पुराना वायरस 30,000 साल पुराना है। यह साल 2013 में वैज्ञानिकों द्वारा साइबेरिया में खोजा गया था।
साइंस अलर्ट के अनुसार खतरा अध्ययन में सामने आए 13 वायरसों से है और प्रत्येक का अपना जीनोम है जबकि पैंडोरावायरस रूस में एक झील के तल पर खोजा गया था। अन्य को मैमथ फर से लेकर साइबेरियाई भेड़िये की आंतों तक हर जगह खोजा गया है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि सभी जॉम्बी वायरस संक्रामक हो सकते हैं और इसलिए यह पौधे, पशु और मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। उनका मानना है कि भविष्य में कोरोना महामारी आम हो जाएगी।