जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा दो दिवसीय भारत दौरे पर 20 मार्च को नई दिल्ली पहुंचे थे। लेकिन अब वह अचानक यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ वार्ता के लिए मंगलवार को कीव के लिए निकल गए हैं। जापानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर उनकी इस यात्रा को लेकर कहा कि पीएम फुमियो किशिदा अपनी यात्रा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और वहां के लोगों का सहास बढ़ाएंगे। वह जापान के प्रमुख और जी-7 के अध्यक्ष के रूप में यूक्रेन के लिए एकजुटता और अटूट समर्थन दिखाएंगे।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि वार्ता में पीएम किशिदा रूस के ताकत के दम पर एकतरफा आक्रामक और बल को खारिज करते हुए नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेंगे।
इस बीच चीनी नेता शी जिनपिंग मॉस्को में हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन की यात्रा पर शी का गर्मजोशी से स्वागत किया, दोनों देशों ने एक बेहतर दोस्ती की ओर कदम बढ़ाने का ऐलान किया है। जापान के सार्वजनिक टेलीविजन एनएचके ने किशिदा को पोलैंड से कीव की ओर जाने वाली ट्रेन की सवारी करते हुए दिखाया है।
नई दिल्ली में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के कुछ ही घंटों बाद उनकी यूक्रेन की अचानक यात्रा हुई। इस यात्रा के अचानक बने प्लान से एसबी हैरान है कि वह अचानक यूक्रेन क्यों जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा मई में G-7 के शिखर सम्मेलन के समूह की अध्यक्षता करने वाले हैं। इससे पहले उनपर यूक्रेन का दौरा नहीं करने का दबाव था। इसीलिए वह अचानक यूक्रेन पहुंचे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पहली वर्षगांठ से ठीक पहले पिछले महीने कीव का दौरा करने के लिए इसी तरह का रास्ता अपनाया था। फुमियो किशिदा युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने वाले जापान के पहले नेता हैं। किशिदा को ज़ेलेंस्की द्वारा जनवरी में कीव आने के लिए आमंत्रित किया गया था
रूस के आक्रमण पर प्रतिबंध लगाने और यूक्रेन को मानवीय और आर्थिक सहायता प्रदान करने में जापान संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्रों में शामिल हो गया है। उम्मीद है कि किशिदा ज़ेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान यूक्रेन के लिए निरंतर समर्थन की पेशकश करेंगे।