ईरान ने हिजाब (Iran Hijab Row) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच Morality Police को खत्म कर दिया है। इसे विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं के लिए बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफ़र मोंटेज़ेरी ने ISNA समाचार एजेंसी को बताया कि Morality Police का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है और इसलिए इसे खत्म किया जा रहा है।
Morality Police को ईरान में किया गया खत्म
रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी टिप्पणी एक धार्मिक सम्मेलन में आई है, जहां उन्होंने एक प्रतिभागी को जवाब दिया जिसने पूछा था कि नैतिकता पुलिस को बंद क्यों किया जा रहा है? Morality Police को औपचारिक रूप से गश्त-ए इरशाद के रूप में जाना जाता है। राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने इस पुलिस की स्थापना “विनम्रता और हिजाब की संस्कृति को फैलाने” के लिए किया था।
ईरान में 16 सितंबर को महसा अमीनी की हिरासत में हुई मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में अबतक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 14 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ईरान में कई कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने चल रहे विरोध प्रदर्शनों को राष्ट्रीय क्रांति का नाम देते हुए ईरानी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया था।
महसा अमिनी की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी
बता दें कि ईरान में 14 सितंबर को 22 साल की महिला महसा अमिनी की मौत पुलिस हिरासत में हो गई थी। ईरान की पुलिस ने महसा अमिनी को इसलिए हिरासत में लिया था, क्योंकि उन्होंने अपने सिर को नहीं ढका था। यानी हिजाब नहीं पहना था। ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब एक जरूरी कानून है। महसा अमिनी की मौत के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ और हजारों महिला और पुरुष सड़कों पर उतर आए।
वहीं फ़ार्स समाचार एजेंसी ने बताया कि रविवार को ईरान में इज़राइल की जासूसी एजेंसी मोसाद के साथ सहयोग करने के आरोप में चार व्यक्तियों को मार डाला गया। मेहर समाचार एजेंसी ने बताया कि चार लोगों को ज़ायोनी शासन की खुफिया सेवाओं के साथ सहयोग करने और अपहरण के अपराध के लिए मौत की सजा दी गई।