Earthquake Indonesia: इंडोनेशिया के पश्चिमी जावा क्षेत्र में शनिवार (3 दिसंबर, 2022) को को 6.1 की तीव्रता का भूंकप आया है। जिसमें एक शख्स घायल हो गया और चार घर ध्वस्त हो गए। लोग इमारतों से बाहर निकल आए। भूकंप की जानकारी देश जियोफिजिक्स एजेंसी BMKG ने दी। एजेंसी ने बताया कि भूकंप में सुनामी की कोई संभावना नहीं है। वहीं भूकंप आने के बाद वहां पर हड़कंप मच गया। लोगों के अंदर भय का महौल पैदा हो गया और इमारतों से निकलकर भागने लगे।
रॉयटर्स के अनुसार, भूकंप का केंद्र राजधानी जकार्ता में भूकंप के केंद्र से लगभग 200 किमी दूर महसूस किया गया। वहीं इंडोनेशिया की आपदा शमन एजेंसी (बीएनपीबी) के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि गरुत शहर में एक व्यक्ति घायल हो गया और चार घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
पश्चिम जावा के अन्य कस्बों और शहरों के कुछ निवासियों ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने भूकंप के झटकों को महसूस किया। पश्चिम जावा प्रांत की राजधानी बांडुंग में एक शख्स ने बाताया कि एक होटल में गेस्ट बिल्डिंग से बाहर भागे, लेकिन थोड़ी देर बाद वापस लौट आए।
पिछले महीने पश्चिमी जावा में आया था भूकंप
इससे पहले पिछले महीने पश्चिमी जावा के सियानजुर में 5.6 की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 300 से अधिक लोग मारे गए थे। इस भूकंप में लगभग 700 लोग घायल भी हुए थे। बीएनपीबी के प्रमुख सुहरयांतो ने स्थानीय समाचार चैनल मेट्रो टीवी को बताया कि अधिकारी शनिवार को भी भूकंप के केंद्र के पास अन्य स्थानों पर जांच कर रहे थे।
इससे पहले सोलोमन द्वीप (Solomon Islands) में मंगलवार (22 नवंबर, 2022) की सुबह भारतीय समय के अनुसार करीब आठ बजे 7.3 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) दर्ज किया गया था। प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित इस द्वीप पर शक्तिशाली भूकंप के बाद सुनामी (Tsunami) की चेतावनी भी जारी की गयी थी।
क्यों आता है भूकंप
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। ऐसे में जहां प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं। जब इन पर ज्यादा दबाव बनता है तो यही प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता तलाशती है। इस डिस्टर्बेंस के कारण भूकंप आता है। इन्हें टेक्टॉनिक प्लेट कहते हैं। इसके कारण भूकंप के अलावा ज्वालामुखी विस्फोट की आशंका भी रहती है। मालूम हो कि प्रशांत महासगरीय क्षेत्र के अलावा हिंद महासगर के कुछ क्षेत्र भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माने जाते हैं।