तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद सहायता कार्य के लिए दुनिया के कई देशों ने हाथ आगे बढ़ाए हैं। दो दर्जन से ज्यादा देशों के राहत दल तुर्की के आपातकालीन कर्मियों के साथ काम कर रहे हैं तथा राहतसामग्रियों का आना भी जारी है। भारत ने घटना के कुछ घंटों बाद ही राहत सामग्री और बचावकर्मियों के साथ अपना जहाज रवाना कर दिया था। इस बीच तुर्की में रह रहे भारतीयों में से दस लोग वहां फंसे हुए हैं। हालांकि वे सभी सुरक्षित हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा- फंसे लोगों को निकाला जा रहा है बाहर
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि उनको वहां से बाहर निकालने की कोशिश में लगा है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा, “हमने तुर्की के अदाना में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। दस भारतीय नागरिक प्रभावित क्षेत्र के रिमोट एरिया में फंसे हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं। एक भारतीय नागरिक जो व्यापारिक यात्रा पर था, भूकंप के बाद से ही लापता है। हम उसके परिवार और कंपनी के संपर्क में हैं।”
भूकंप में मरने वालों की संख्या हुई 11 हजार, चालीस हजार से अधिक घायल
तुर्की और सीरिया में आए इस भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या 11 हजार के पार पहुंच चुकी है। साथ ही 40 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में करीब 60 हजार सहायता कर्मी बचाव कार्य में दिनरात जुटे हैं, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि बहुत से लोगों को अब भी मदद पहुंचने का इंतजार है।
भूकंप आने के दो दिन बाद बचाव दल ने तीन वर्षीय एक बच्चे आरिफ कान को कहरामनमारस में एक ढह चुकी इमारत के मलबे के नीचे से निकाला। लड़के के पिता एर्टुगरुल कीसी को राहतकर्मी पहले ही मलबे से सुरक्षित निकाल चुके थे। एर्टुगरुल कीसी मलबे से अपने बच्चे को सुरक्षित निकाल एंबुलेंस में ले जाते देख अपने आंसू रोक नहीं पाया।
भारत की ओर से भेजे गये एनडीआरएफ की खोजी एवं बचाव दल और विशेष रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्तों के दस्ते पीड़ितों की मदद में लगातार सक्रिय हैं। प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का एक दल भी जरूरी दवाओं के साथ वहां जा रहा है।