स्कूलों में बार-बार हो रहीं गोलीबारी की घटनाएं, रोकने के लिए स्टाफ को मिलेंगे हथियार!
अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक अप्रैल 1999 में कोलंबियन हाईस्कूल में हुए कत्लेआम के बाद से अब तक 2,19,000 छात्र गोलीबारी की घटनाओं में शामिल पाए गए हैं।

अमेरिका के स्कूलों में बार-बार हो रही गोलीबारी की घटनाओं को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक सुरक्षा पैनल का गठन किया है। इस सुरक्षा पैनल ने अमेरिकी राष्ट्रपति को ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कई सुझाव दिए हैं। इनमें स्कूल स्टाफ को हथियारों से लैस करने, सेवानिवृत्त सैनिकों को गार्ड के तौर पर रखने और ओबामा प्रशासन के दिशा-निर्देशों को पलटने जैसी सिफारिशें शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले भी शिक्षा मंत्री बेस्टी डेवोस के नेतृत्व में फरवरी में पार्कलैंड, फ्लोरिडा हिंसा की घटना के बाद इस संघीय आयोग का गठन किया गया था, जिसमें एक पूर्व छात्र द्वारा की गई गोलीबारी में 17 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से बंदूक रखने की संस्कृति पर नियंत्रण के लिए प्रदर्शन हुए थे।
आयोग ने बंदूक खरीदने के लिये न्यूनतम आयु को बढ़ाने से इंकार कर दिया था। इस पर आयोग ने 180 पन्नों की अपनी एक रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें यह दलील दी गई थी कि स्कूल में गोलीबारी करने वाले अधिकतर छात्र अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों की बंदूक का इस्तेमाल करते हैं। हालाँकि आयोग ने सिफारिश की कि सेना और पुलिस के पूर्व अधिकारियों को शिक्षक के तौर पर भर्ती करना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति ओबामा की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों की समीक्षा की तथा उनकी सिफारिश भी की है।
बता दें की यह दिशा-निर्देश पूर्व राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2014 में दिए गए थे। दरअसल इस रिपोर्ट में अश्वेत और लातिन अमेरिकी छात्रों के साथ भेदभाव रोकने के लिये विकल्प तलाशने का सुझाव दिया गया था। जबकि आयोग का कहना है कि इस कदम से स्कूलों में अनुशासन और सुरक्षा पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक अप्रैल 1999 में कोलंबियन हाईस्कूल में हुए कत्लेआम के बाद से अब तक 2,19,000 छात्र गोलीबारी की घटनाओं में शामिल पाए गए हैं।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। Online game में रुचि है तो यहां क्लिक कर सकते हैं।