इस्लामिक स्टेट में सेक्स स्लेव बनाई गईं नादिया मुराद और लामिया अजी को सखारोव पुरस्कार
इस्लामिक स्टेट के आतंकियों द्वारा सेक्स स्लेव बनाकर रखी गई नादिया मुराद और लामिया अजी बशर को प्रतिष्ठित सखारोव पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

इस्लामिक स्टेट के आतंकियों द्वारा सेक्स स्लेव बनाकर रखी गई नादिया मुराद और लामिया अजी बशर को प्रतिष्ठित सखारोव पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यूरोपियन यूनियन द्वारा विचारों की स्वतंत्रता के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। नादिया मुराद अब यजीदी मानवाधिकारों के लिए काम करती हैं। उन्हें आईएसआईएस ने बंधक बनाकर रखा था। आईएस आतंकियों ने उत्तरी ईराक के गांव से उन्हें 5200 यजीदी महिलाओं और बच्चों के साथ अगवा कर लिया था। आईएस की गिरफ्त से बच निकलने के बाद नादिया ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के सामने अपनी दास्तां बयां की थी।
वहीं लामिया अजी बशर को भी नादिया के साथ साल 2014 में अगुवा किया गया था। उसे भी सेक्स स्लेवरी में डाल दिया गया। बशर ने बताया था कि आईएस ने उनसे आत्मघाती बनियान बनवाए। अप्रैल 2016 में आईएस की गिरफ्त से भागने के दौरान बारुदी सुरंग के विस्फोट में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। इस विस्फोट में उनकी एक आंख की रोशनी भी चली गई। उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया था। आईएस आतंकी यजीदी महिलाओं से गैंगरेप करते हैं जबकि पुरुषों को मार दिया जाता है। वहीं बच्चों को आत्मघाती हमलों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आईएस के आतंकी सुन्नी पंथ को मानने वाले हैं और वे बाकी पंथों से नफरत करते हैं।
सखारोव पुरस्कार का एलान करते हुए यूरोपियन संसद के अध्यक्ष मार्टिन शल्ज़ ने बताया, ”इन दोनों का समर्थन करने का फैसला महत्वपूर्ण और सांकेतिक है। ये दोनों शरणार्थी के रूप में यूरोप आए थे और इन्हें यूरोपियन यूनियन में आश्रय मिला।” 23 साल की नादिया मुराद को इस साल नोबल शांति पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया था। वह संयुक्त राष्ट्र की मानव तस्करी से बचाए गए लोगों के सम्मान के लिए गुडविल एम्बेसेडर भी है।
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