तिब्बत के 1300 साल पुराने बौद्ध मंदिर मे लगी भीषण आग, यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में है शामिल
तिब्बत की राजधानी ल्हासा में स्थित बौद्धों के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक जोखांग मंदिर में भीषण आग लग गयी। तकरीबन 1,300 साल से ज्यादा पुराना यह मंदिर यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में शामिल है।

तिब्बत की राजधानी ल्हासा में स्थित बौद्धों के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक जोखांग मंदिर में भीषण आग लग गयी। तकरीबन 1,300 साल से ज्यादा पुराना यह मंदिर यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में शामिल है। सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ की खबर के अनुसार, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि, शिन्हुआ की खबर में मंदिर को नुकसान पहुंचने के संबंध में कोई सूचना नहीं दी गयी है। खबर के अनुसार, आग शाम करीब छह बजकर चालीस मिनट पर लगी। हालांकि, उस पर जल्दी ही काबू पा लिया गया। चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली ने विस्तृत जानकारी दिये बगैर अपनी खबर में लिखा है कि दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है और सभी धार्मिक प्रतीक सुरक्षित हैं।
जोखांग मंदिर तिब्बतियों का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। मंदिर के वास्तुकला की शैली भारतीय विहार डिजाइन, तिब्बत और नेपाली डिजाइन का मिला-जुला स्वरूप है। तिब्बत, चीन सहित दुनिया के कई हिस्सों से तमाम श्रद्धालु इस मंदिर में आते रहते हैं। आग लगने के कुछ ही देर बाद ट्विटर पर एक यूजर ने घटना से संबंधित एक वीडियो पोस्ट किया है। वीडियों में मंदिर की छत से आग की भयानक लपटें दिखाई दे रही हैं। रॉबर्ट बार्नेट नाम के यूजर ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है – ‘ ल्हासा से जोखांग मंदिर में आऐग की विनाशकारी खबर।’
Devastating news from Lhasa of the Jokhang temple on fire. pic.twitter.com/LXiIlvc7V5
— Robert Barnett (@RobbieBarnett) February 17, 2018
बता दें कि जाखांग तिब्बत के सबसे पवित्र और प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक है। दुनिया भर के बौद्ध सैलानी यहां पर आते रहते हैं। 7वीं शताब्दी में राजा सोंगसन गेम्पो ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। बताया जाता है कि मंगोलों ने कई बार आक्रमण कर इसे बरबाद करने की कोशिश की लेकिन कभी सफल नहीं हुए। तकरीबन 25 हजार स्क्वायर मीटर क्षेत्र में फैले इस मंदिर की प्राचीनता को लेकर तिब्बत में एक लोकोक्ति भी प्रचलित है, जिसमें कहा जाता है, पहले जोखांग फिर ल्हासा।