एफबीआई ने हैक किया हमलावर का आईफोन, वापस लिया एप्पल पर से मुकदमा
एप्पल ने यह कहकर आईफोन अनलॉक करने में अमेरिकी सरकार की मदद करने से इंकार कर दिया था कि इसके डिजीटल सुरक्षा और निजता पर व्यापक प्रभाव पड़ेंगे।

सन बर्नार्डिनो के हमलावरों में से एक हमलावर द्वारा इस्तेमाल किए गए आईफोन को एफबीआई ने ‘अनलॉक’ कर लिया है और इसके साथ ही एप्पल के साथ चले आ रहे कानूनी गतिरोध का अंत हो गया है। इस गतिरोध के चलते अमेरिकी अधिकारी सिलिकॉन वैली के खिलाफ हो गए थे। एफबीआई द्वारा हमलावर का आईफोन अनलॉक किए जाने की जानकारी अधिकारियों ने दी है। एप्पल ने यह कहकर आईफोन अनलॉक करने में अमेरिकी सरकार की मदद करने से इंकार कर दिया था कि इसके डिजीटल सुरक्षा और निजता पर व्यापक प्रभाव पड़ेंगे। एप्पल के इस निर्णय का गूगल और फेसबुक जैसे तकनीकी दिग्गजों वाले एक बड़े समूह ने समर्थन किया था।
इस संवेदनशील मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए इस माह अदालत में सुनवाई होनी थी लेकिन एफबीआई की ओर से अब एप्पल की मदद की जरूरत नहीं होने की बात कहे जाने पर यह सुनवाई रद्द हो गई। एफबीआई ने कहा था कि उसे फोन अनलॉक करने के लिए कोई बाहरी पार्टी मिल गई है।
अमेरिकी अटॉर्नी ईलीन डेकर ने कल एक बयान में कहा, ‘‘इस मामले को बंद करने का हमारा फैसला सिर्फ इस तथ्य पर आधारित है कि हाल में एक तीसरे पक्ष से मिले सहयोग के चलते अब हम उस आईफोन में मौजूद किसी भी सूचना को गंवाए बिना उसे अनलॉक करने में सक्षम हो गए हैं।’’
यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है कि एफबीआई को फोन अनलॉक करने में किसने मदद की है। लेकिन खबरों की मानें तो एफबीआई ने संभवत: एक इस्राइली फोरेंसिक कंपनी से मदद मांगी हो। एप्पल ने एक बयान में कहा था कि एफबीआई वाला मामला कभी भी अदालतों में नहीं लाया जाना चाहिए था और कंपनी अपने उत्पादों की सुरक्षा बढ़ाना जारी रखेगी। बयान में कहा गया, ‘‘एप्पल का मानना है कि अमेरिका और दुनियाभर के लोग डाटा संरक्षण, सुरक्षा और निजता के अधिकारी हैं। किसी एक का दूसरे के लिए बलिदान कर देने से लोगों और देश पर बड़ा खतरा पैदा हो जाता है।’’