Shehbaz Sharif : दुबई स्थित अल अरबिया को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ गंभीर बातचीत चाहता है। शाहबाज शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद से अपने दोस्ताना संबंधों के जरिए नई दिल्ली के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) को एक मेज पर लाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए कहा है।
UAE को बीच में लाने के क्या हैं मायने
शाहबाज शरीफ ने यह बात एक ऐसे देश यानी यूएई से कही है जिसके भारत से अच्छे रिश्ते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि शाहबाज शरीफ की भारत के साथ शांति चाहने के लिए की गयी यह टिप्पणी कोई आम टिप्पणी नहीं है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पहले भी यूएई भारत और और पाकिस्तान को एक साथ लाने में अपनी भूमिका निभाने की बात कर चुका है। 2021 में यूएई के एक उच्च राजनयिक ने कथित तौर पर अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस के सहयोग से दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की बात की थी।
शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी एक महत्वपूर्ण समय में आयी है। जब ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि पाकिस्तान के आर्थिक हालात श्रीलंका जैसे हो सकते हैं। पाकिस्तान में डॉलर रिजर्व में लगातार कमी होने से पाकिस्तान पर दिवालिया होने का संकट मंडरा रहा है। अपनी दो दिवसीय यूएई की यात्रा में शाहबाज शरीफ ने यूएई को “भाई” बताते हुए कहा है कि उनकी एक बार और मदद की जाए। जिसके बाद यूएई ने पाकिस्तान का दो बिलियन डॉलर का कर्जा माफ करते हुए एक बिलियन डॉलर मदद देने की बात कही है।
बिगड़ते आर्थिक हालत के बीच भारत से संबंध पर इतना जोर क्यों दे रहे हैं शाहबाज शरीफ
शाहबाज शरीफ ने इस इंटरव्यू के दौरान भारत के साथ शांति की बात तो की लेकिन ठीक-ठीक यह नहीं बताया कि वे भारत से क्या करने के लिए कह रहे थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पहले भी ऐसी ही टिप्पणी कर चुके हैं। वह और उनके भाई पूर्व प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ दोनों ने लगातार कहा है कि पाकिस्तान को भारत के साथ शांति स्थापित करनी है।
उनका मानना रहा है कि भारत के साथ मजबूत संबंधों को बनाने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। हालांकि यह पहली बार है कि किसी पाकिस्तानी नेता ने विशेष रूप से कहा है कि “पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने तीन युद्धों से अपने सबक सीख लिए हैं। उन्होने कहा कि इन युद्धों से पाकिस्तान को केवल अधिक दुख, बेरोजगारी, गरीबी मिली है।