Pakistan : अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने हाल में अपनी एक किताब जारी की है। इस किताब में माइक पॉम्पियो ने भारत के विदेश मंत्रियों के साथ अपने संबंधों के बारे में लिखते हुए भारत की दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लेकर कई विवादित टिप्पणियां की हैं। उन्होंने लिखा कि सुषमा स्वराज भारतीय विदेश नीति की टीम की महत्वपूर्ण सदस्य नहीं थीं।
माइक पॉम्पियो ने किताब में सुषमा के लिए गूफबॉल (कम समझदार) जैसे अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल भी किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने माइक पॉम्पियो के इस बयान की निंदा की थी। वहीं अब इस मामले में पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमेट अब्दुल बासित ने भी पॉम्पियो को आड़े हाथों लिया है।
“किताब बेचने के लिए लिख रहे झूठ”
पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमेट अब्दुल बासित कहा कि माइक पॉम्पियो पॉम्पियो की किताब में लिखी बात पर यकीन करना मुश्किल है। चूंकि एक लेखक का मकसद यह होता है कि किताब बिके इसलिए वह इस किस्म के लोग झूठ का सहारा ले रहे हैं। पॉम्पियो ने जो बात लिखी है, उसका हकीकत से दूर-दूर तक वास्ता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जो लफ्ज पॉम्पियो ने सुषमा स्वराज के लिए इस्तेमाल किए हैं, वो सही नहीं हैं। माइक पॉम्पियो एक बड़े पॉजिशन पर रहे हैं, उनको यह शोभा नहीं देता कि वो किसी दिवंगत के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करे।
क्या है माइक पॉम्पियो की किताब में ?
माइक पॉम्पियो ने अपनी किताब में लिखा है भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कभी भी महत्वपूर्ण राजनीतिक प्लेयर नहीं थीं। सुषमा स्वराज से बेहतर मैंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मिलकर काम किया है। पॉम्पियो ने सुषमा स्वराज के लिए ‘गूफबॉल’ (कम इंटेलिजेंट) शब्द का इस्तेमाल किया है।
माइक पोम्पियो ने अपनी किताब में लिखा था कि साल 2019 में बालाकोट में भारत की एयर स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान न्यूक्लियर वॉर के करीब आ गए थे। किताब के मुताबिक पोम्पियो को यह जानकारी सुषमा स्वराज ने ही दी थी। अब्दुल बासित ने इसे भी पोम्पियो की मनगढ़ंत कहानी बताते हुए कहा- मेरी समझ से पाकिस्तान ने उस वक्त न्यूक्लियर बॉम्ब इस्तेमाल करने की धमकी नहीं दी थी।