कर्ज के बोझ तले दबे श्रीलंका को उबरने के लिए IMF (इंटरनेशनल मोनेटरी फंड) से राहत पैकेज मिलना बेहद जरूरी है। लेकिन इसका रास्ता नहीं बन पा रहा था। हालांकि चीन इस मामले में श्रीलंका की हर मुमकिन मदद कर रहा है। अपने पहले के पत्र में चीन ने कर्ज भुगतान के लिए श्रीलंका को दो वर्ष की मोहलत (मोरेटोरियम) देने की बात कही थी। लेकिन आईएमएफ ने इसे नाकाफी माना था। अब चीन के एग्जिम (एक्सपोर्ट इंपोर्ट) बैंक से श्रीलंका को एक नई चिट्ठी भेजी गई है। चीन ने दूसरी चिट्ठी में श्रीलंका के कर्ज पुनर्गठन को समर्थन देने का आश्वासन दिया है। कर्ज से दबे इस देश को IMF से 2.9 अरब डॉलर का राहत पैकेज मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
चीन ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को संसद को बताया कि चीन के एग्जिम बैंक से नया पत्र मिला है। श्रीलंका ने IMF को आशय पत्र भेज दिया है। विक्रमसिंघे का कहना है कि हमारी तरफ का दायित्व पूरा हो गया है। उम्मीद है कि इस महीने के तीसरे या चौथे हफ्ते तक आईएमएफ अपने वायदे को पूरा करेगा। इससे बाद श्रीलंका को विश्व बैंक तथा एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से पैसा मिल सकेगा।
2022 के अंत तक श्रीलंका पर करीब 40 अरब डॉलर का कर्ज था
पिछले साल सितंबर में श्रीलंका को 2.9 अरब डॉलर का राहत पैकेज चार वर्ष की अवधि के दौरान देने की मंजूरी दी थी। हालांकि यह कर्जदाताओं के साथ कर्ज के पुनर्गठन की श्रीलंका की क्षमता पर निर्भर करता है। जून 2022 के अंत तक श्रीलंका पर करीब 40 अरब डॉलर का कर्ज था। कुल कर्ज में से चीन से मिले कर्ज की हिस्सेदारी 20 फीसदी है।
उधर, पाकिस्तान भी गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाक सरकार आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर की किस्त का इंतजार कर रही है। पाकिस्तान ने IMF को सूचित किया है कि उसने चीन से दो अरब डॉलर के जमा स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज (एसएएफई) की अवधि और एक वर्ष के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया है। चालू महीने के अंत में यह मैच्योर होने वाली है। चीन का कुल चार अरब डॉलर का एसएएफई जमा है।