एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आने वाले 15 देशों ने रविवार को चीन के साथ RCEP डील पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार समझौता माने जा रहे RCEP में भारत शामिल नहीं है, जबकि पिछले आठ सालों में भारत इसे लेकर हुए हर समझौते में शामिल रहा था। पिछले साल ही भारतीय नेतृत्व ने इस डील को चीन की तरफ झुकाव वाला करार दिया था। इसके बाद भारत ने इस समझौते से बाहर होने का फैसला किया।
क्या है RCEP डील?: रीजनल कॉम्प्रेहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) डील में दुनिया की लगभग एक-तिहाई अर्थव्यवस्था आती है। इस डील में शामिल देश आने वाले सालों में एक-दूसरे के उत्पादों को अपने बाजारों में जगह देने के लिए आयात-निर्यात शुल्क कम करेंगे। यानी डील में शामिल 15 देश आसानी से अपने उत्पादों को सस्ते दामों पर दूसरे देश में पहुंचा सकेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डील पर हस्ताक्षर होने के बाद इसके प्रभावी होने से पहले सभी देशों को दो साल के अंदर इसे मानने की पुष्टि करनी होगी।
क्या थी भारत की चिंता: भारत ने पिछले साल RCEP पर चर्चा के दौरान चीन को अतिरिक्त फायदा होने के मुद्दे पर सवाल खड़े किए थे। भारत का कहना था कि इस डील से चीन के लिए बाकी देशों के दरवाजे आसानी से खुल जाएंगे। इस वजह से बाजारों में चीनी उत्पादों की ही भरमार होगी। यानी इस समझौते में आयात शुल्क हटाने का फायदा चीन को ही होगा, क्योंकि उसके उत्पादन शक्ति इस समझौते में शामिल सभी देशों से ज्यादा है। इसकी वजह से सभी देशों में स्थानीय उत्पादकों को भारी नुकसान हो सकता है।
भारत के इस समझौते से बाहर रहने के फैसले के बाद सभी देशों ने कहा था कि भारत अपनी मर्जी से इस समझौते में जब चाहे शामिल हो सकता है। हालांकि, भारत का कहना है कि इस डील के ढांचे में बदलाव के बिना मुक्त व्यापार को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।
कोरोनावायरस की वजह से RCEP के लिए जल्दी: दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के कहर से अर्थव्यवस्थाएं तबाह हुई हैं। एशिया में इसका बुरा असर पड़ा है। ऐसे में ज्यादा एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों ने RCEP में शामिल होने की जल्दी दिखाई है। जिन देशों ने इस डील पर हस्ताक्षर किए उनमें ASEAN के 10 देश- इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया शामिल हैं। इसके अलावा चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी इस डील का हिस्सा बने हैं।