चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बता दें कि ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में चीन ने रविवार को बेहद खतरनाक 39 युद्धक विमानों से धावा बोला। बीते कई महीनों में चीन की तरफ से यह सबसे बड़ी घुसपैठ मानी जा रही है। ताइवान की सरकार ने इसको लेकर कहा है कि चीन द्वारा भारी संख्या में लड़ाकू विमान भेजे गए।
चीन का आक्रामक रुख: चीन के रुख को लेकर ताइवान को आशंका है कि उसपर चीन हमला कर सकता है। बता दें कि चीन ताइवान पर अपना अधिकार बताता है। वहीं ताइवान हमेशा से चीन के दावों को खारिज कर खुद को एक स्वंतत्र देश बताता है। चीन की आक्रामकता देखें तो 2021 की अंतिम तिमाही में चीन की तरफ से ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में घुसपैठ की भारी बढ़ोतरी देखी गई है। जिसमें 4 अक्टूबर को 56 चीनी युद्धक विमानों ने क्षेत्र में प्रवेश किया था।
द्वीप के रक्षा मंत्रालय ने रविवार देर रात कहा कि उसने चीन से 39 युद्धक विमानों को ताइवान के ADIZ में प्रवेश करते देखा। पिछले साल 2 अक्टूबर के बाद यह रिकॉर्ड दूसरी सबसे बड़ी संख्या में घुसपैठ है।
घुसपैठ के लिए भेजे गए इन लड़ाकू विमानों में 24, जे-16 (J-16 Fighter Jets) शामिल हैं। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ये विमान चीनी सरकार के सबसे खास लड़ाकू विमानों में शामिल हैं। जबकि 10, जे-10 विमान और एक परमाणु बम गिराने में सक्षम एच-6 बॉम्बर को भी इस काफिले में शामिल किया था।
इससे माना जा रहा है कि चीन अपने आक्रामक रुख को साफ कर ताइवान को चेतावनी देने के मूड में हैं। दरअसल चीन कहता आया है कि वो ताइवान को अपने अधिकार क्षेत्र में शामिल कर लेगा। इसके लिए चाहे बल प्रयोग ही क्यों न करना पड़े। इस कड़ी में अक्टूबर में रिकॉर्ड 196 घुसपैठ दर्ज की गई थीं। इसमें सिर्फ चार दिनों में ही 149 लड़ाकू विमान भेजे गए। बता दें कि 2016 में त्साई इंग-वेन के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से बीजिंग ने ताइवान पर दबाव बढ़ा दिया है।