भारत से भागे कारोबारी विजय माल्या कर्ज के भारी बोझ से दबे हैं। इसके चलते अब लंदन स्थित आलीशान घर भी उनके हाथ से जा चुका है। बता दें कि ब्रिटिश अदालत ने स्विस बैंक यूबीएस के साथ लंबे समय से जारी कानूनी विवाद में माल्या की अर्जी को खारिज कर दिया है। दरअसल इस घर को खाली करने का आदेश जारी हुआ था। जिसप रोक लगाने के लिए माल्या ने मांग की थी। ब्रिटिश अदालत ने इस अर्जी को खारिज कर दिया है।
विजय माल्या की अर्जी पर लंदन हाई कोर्ट के चांसरी डिविजन के न्यायाधीश मैथ्यू मार्श ने फैसला सुनाते हुए कहा कि माल्या परिवार को कर्ज की राशि चुकाने के लिए और अधिक समय देने का कोई आधार नहीं है। ऐसे में साफ है कि अब माल्या को इस शानदार बंगले से हाथ धोना पड़ेगा। गौरतलब है कि माल्या को स्विस बैंक को 2.04 करोड़ पाउंड का कर्ज लौटाना है।
यह मामला माल्या की कंपनियों में से एक रोज कैपिटल वेंचर्स द्वारा लिए गए कर्ज से संबंधित है। जिसमें किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व बॉस, उनकी मां ललिता और बेटे सिद्धार्थ माल्या को संपत्ति के कब्जे के अधिकार के साथ सह-प्रतिवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
बता दें कि माल्या को लंदन स्थित जिस घर से हाथ धोना पड़ा है उसमें उनकी 95 साल की मां रहती हैं। साल 2016 के मार्च में विजय माल्या भारत से ब्रिटेन भाग गया था। भारत में उसके ऊपर 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज की हेराफेरी और धनशोधन का आरोप है। इन मामलों में माल्या वांछित है। कई बैंकों ने यह कर्ज किंगफिशयर एयरलाइंस को दिए थे।
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या से जुड़े अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई टल गई थी। वहीं 9 मई 2017 को संपत्ति का पूरा ब्यौरा ना देने पर सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था।
65 वर्षीय माल्या ब्रिटेन में जमानत पर है। ऐसा माना जाता है कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया से जुड़े एक अलग मामले में देश में शरण देने के मुद्दे पर जबतक गोपनीय कानूनी कार्रवाई का समाधान नहीं होता तबतक माल्या जमानत पर रह सकता है।