बाइडेन के द्वारा नामित किए जाने के बाद जेया ने ट्वीट किया, ‘एक राजनयिक के रूप में 25 से अधिक वर्षों में मैंने सीखा कि अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत हमारे उदाहरण, विविधता और लोकतांत्रिक आदर्श की शक्ति है। मैं इन मूल्यों को बनाए रखूंगी और उनकी रक्षा करूंगी। मैंने राष्ट्रपति चुने गए जो बाइडेन का धन्यवाद दिया कि वह अमेरिकी विदेश नीति में लोकतंत्र और मानव अधिकारों को केंद्रित करने के लिए अमेरिकी महिलाओं और पुरुषों के साथ एक बार फिर अमेरिकी लोगों की सेवा करने का अवसर मुझे दिया।
इस तरह के सभी स्टार्स नॉमिनी के बीच होना बड़ा सम्मान है।’ बाइडेन सत्ता हस्तांतरण टीम ने उनके नामांकन की घोषणा करते हुए कहा, ‘जेया 21वीं सदी की चुनौतियों को पूरा करने के हमारे प्रयासों के केंद्र में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक चैंपियन होंगी।’
उजरा जेया पिता भारतीय हैं। उनका जन्म अमेरिका में ही हुआ था। उन्होंने हाल तक ‘अलायंस फॉर पीस बिल्डिंग’ की अध्यक्ष एवं सीईओ के रूप में सेवाएं दी हैं। वे 2014 से 2017 तक पेरिस स्थित अमेरिकी दूतावास में मिशन की उप प्रमुख रहीं। कश्मीर रहने वाली भारतीय मूल की उजरा जेया ने सितंबर, 2018 में अमेरिका के विदेश मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने ट्रंप प्रशासन पर नस्ली और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन कॉलिन पॉवेल और हिलेरी क्लिंटन जैसे सचिवों के तहत लाए गए अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए प्राप्त किए गए दशकों के लाभ को उलटने पर तुला हुआ है।
उजरा ने कहा था कि विदेश मंत्रालय और दूतावास के उच्च अधिकारी अल्पसंख्यकों का बहिष्कार करते हैं। उजरा ने कहा था, ट्रंप प्रशासन के काम संभालने के पांच महीने बाद ही तीन वरिष्ठ अफ्रीकी मूल के अमेरिकी अधिकारी या तो विभाग से निकाल दिए गए या उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
उनकी रिपोर्टिंग श्वेत लोगों को सौंप दी गई। जेया ने इससे पहले 2012 से 2014 तक लोकतंत्र, मानवाधिकार एवं श्रम ब्यूरो में कार्यवाहक सहायक मंत्री और प्रधान उप सहायक मंत्री के तौर पर सेवाएं दीं। वह 1990 में विदेश सेवा में शामिल हुई थीं और उन्होंने नई दिल्ली, मस्कट, दमिश्क, काहिरा और किंग्स्टन में सेवाएं दी हैं।