डोनाल्ड ट्रंप आव्रजन नीति पर ओबामा ने तोड़ी चुप्पी, कहा- धर्म के आधार पर भेदभाव करने के ख़िलाफ़
बराक ओबामा के राष्ट्रपति पद से हटने के 10 दिन बाद उनके कार्यालय की ओर से जारी किया गया यह पहला प्रेस बयान है।

अपने उत्तराधिकारी डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार (31 जनवरी) को कहा कि वह लोगों के साथ उनके धर्म या पंथ के आधार पर भेदभाव करने की धारणा के खिलाफ हैं। ओबामा के प्रवक्ता केविन लुइस ने एक बयान में कहा, ‘पूर्व राष्ट्रपति ओबामा के विदेश नीति संबंधी निर्णयों से तुलना के संदर्भ में हमने पहले भी यह सुना है कि वह लोगों के साथ उनके धर्म या पंथ के आधार पर भेदभाव करने की धारणा के खिलाफ हैं।’
बराक ओबामा के राष्ट्रपति पद से हटने के 10 दिन बाद उनके कार्यालय की ओर से जारी किया गया यह पहला प्रेस बयान है। लुइस ने कहा कि ओबामा देश में विभिन्न समुदायों के बीच हो रहे जुड़ाव के स्तर से अभिभूत हैं। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति के रूप में दिए गए अपने अंतिम भाषण में उन्होंने नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बातें की। उन्होंने बताया कि किस तरह से हमारे लोकतंत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी अमेरिकियों पर है। यह जिम्मेदारी सिर्फ चुनाव के दौरान नहीं बल्कि हर दिन के लिए है।’
लुइस ने कहा, ‘नागरिक एकजुट होने, संगठित होने और अपने निर्वाचन अधिकारी को अपनी आवाजें सुनाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं और अमेरिकी मूल्यों के दांव पर होने पर हम इसी की उम्मीद करते हैं।’ ट्रंप का शासकीय आदेश सात मुस्लिम बहुल देशों को अगले 90 दिन तक अमेरिका में प्रवेश से रोकता है, सभी शरणार्थियों के प्रवेश को 120 दिन तक निलंबित करता है और सीरियाई शरणार्थी कार्यक्रम को निलंबित करता है।
सीएनएन ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति राजनीतिक रूप से सक्रिय रहने और अपने उत्तराधिकारी पर बयानबाजी करने से बचने के बीच एक बारीक अंतर बनाकर रखते हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ओबामा के आठ साल के कार्यकाल के दौरान राजनीति पर चुप्पी साधे रहे। लेकिन ओबामा और ट्रंप का संबंध अलग है। ओबामा के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि पूर्व राष्ट्रपति सक्रिय रहेंगे और राजनीतिक गतिविधियों पर मुखर रहेंगे।
इससे पहले सात मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध के शासकीय आदेश का बचाव करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (30 जनवरी) को जोर देकर कहा कि ‘यह प्रतिबंध मुस्लिमों पर नहीं है’ जैसा कि मीडिया द्वारा गलत प्रचार किया जा रहा है। ट्रंप ने शुक्रवार (27 जनवरी) को उस आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसके चलते सीरिया के शरणार्थियों समेत छह अन्य देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लग गई। उनके इस कदम की खासी आलोचना हुई। इन सात देशों में इरान, ईराक, लीबिया, सूडान, यमन, सीरिया और सोमालिया हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह मुस्लिमों पर प्रतिबंध नहीं है जैसा कि मीडिया गलत प्रचार कर रहा है। यह धर्म के बारे में भी नहीं है। यह आतंकवाद और हमारे देश को सुरक्षित रखने को लेकर है। दुनिया भर में 40 से अधिक देश मुस्लिम बहुल हैं जो इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।
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