आर्मेनिया और अजरबैजान में भड़की जंग, 16 सैनिकों समेत 18 की मौत, 100 से अधिक जख्मी
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने भी अपनी तरफ सैन्य नुकसान होने की बात कही है। हालांकि राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने अभी तक मारे गए सैनिकों की संख्या का कोई उल्लेख नहीं किया है।

कोरोना के इस भीषण काल में आर्मेनिया और अजरबैजान अपने विवादित क्षेत्र की लेकर आपस में भिड़ गए हैं और दोनों देशों में लड़ाई शुरू हो गई है। बता दें कि जिस विवादित क्षेत्र को लेकर लड़ाई शुरू हई है उसे नागोरनो-काराबाख नाम से जाना जाता है।
दोनों ही देश अपनी सैन्य शक्ति का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस झड़प में दोनों ही देशों से जनहानि की खबर सामने आई है। लड़ाई के बारे में अधिक जानकारी देते हुए आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा की उनके सैन्य बल के अब तक 16 सैनिक मारे गए जबकि आम नागरिकों की बात करें तो दो लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं अब तक 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
वहीं अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने भी अपनी तरफ सैन्य नुकसान होने की बात कही है। हालांकि राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने अभी तक मारे गए सैनिकों की संख्या का कोई उल्लेख नहीं किया है।
आर्मेनिया ने अजरबैजान के चार हेलिकॉप्टरों को मार गिराने का भी दावा किया है। साथ ही कथित तौर पर अजरबैजान के 33 टैंकों तथा अन्य लड़ाकू वाहनों को भी निशाना बनाया गया है। हालांकि अजरबैजान ने आर्मेनिया के दावे को खारिज कर दिया है और इसे झूठ करार दिया है।
अजरबैजान के कुछ क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाया गया है तथा कुछ प्रमुख शहरों में कर्फ्यू के आदेश भी दिये गए हैं। जिस विवादित अलगाववादी क्षेत्र की लेकर लड़ाई शुरू हुई है, वह अजरबैजान के अंतर्गत आता है लेकिन यहां पर 1994 से ही आर्मेनिया द्वारा समर्थित बलों का कब्जा है।
हालांकि मौजूदा लड़ाई की सटीक वजह अभी तक सामने नहीं आयी है। बता दें कि दोनों देशों की सैन्य शक्तियां इससे पहले जुलाई में भी एक दूसरे से भिड़ गई थीं। जिनमें दोनों तरफ के मिलाकर कुल 16 लोगों की मौत हुई थी।